Monday, 25 July 2022

यह तिरंगा

 

यह तिरंगा







यह तिरंगा…..

यह तिरंगा हमारी शान है,

विश्वभर में भारती की अमिट पहचान है,

यह तिरंगा हाथ में ले पग निरंतर ही बढ़े,

यह तिरंगा हाथ में ले दुश्मनों से हम लड़े,

यह तिरंगा विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है,

यह तिरंगा वीरता का गूंजता इक मंत्र है,

यह तिरंगा वन्दना है भारती का मान है,

यह तिरंगा विश्व जन को सत्य का अभिमान है,

यह तिरंगा कह रहा है अमर भारत देश है,

यह तिरंगा इस धरा पर शांति का संधान है,

इसके रंगो में बुना बलिदानियों का नाम है,

यह बनारस की सुबह है, यह अवध की शाम है,

यह कभी मंदिर, कभी यह गुरुओं का द्वार लगे,

चर्च का गुंबद कभी, मस्जिद की मीनार लगे,

यह तिरंगा गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान है,

यह तिरंगा बाइबिल है, भागवत का श्लोक है,

यह तिरंगा आयत-ए-कुरान का आलोक है,

यह तिरंगा वेद की पावन ऋचा का ज्ञान है,

यह तिरंगा स्वर्ग से सुंदर धरा कश्मीर है,

यह तिरंगा फेनिल कन्याकुमारी का नीर है,

यह तिरंगा माँ के होठों की मधुर मुस्कान है,

यह तिरंगा दिव्य नदियों का त्रिवेणी रूप है,

यह तिरंगा सूर्य की पहली किरण की धूप है,

यह तिरंगा भव्य हिमगिरि का अमर वरदान है,

शीत की ठंडी हवा, पर शत्रु के लिए अंगार है,

सावनी मौसम में मेघों का छलकता प्यार है,

झंझावतों में लहराए गुणों की खान है,

टैगोर के जनगीत जन-गण-मन का यह गुणगान है,

यह तिरंगा गांधी जी की शांति वाली खोज है,

यह तिरंगा नेताजी के दिल से निकला ओज है,

यह विवेकानंद जी का जगजयी अभियान है,

यह तिरंगा कह रहा मेरी संस्कृति महान है

अनाम बलिदानियों की साधना, नवीन संधान है॥

 


मीता गुप्ता

 

No comments:

Post a Comment

और न जाने क्या-क्या?

 कभी गेरू से  भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ  सुहाग पूड़ा  बाँसबीट  हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता  औ...