Friday, 14 March 2025

हर रंग कुछ कहता है

हर रंग कुछ कहता हमसे, समझें रंगों की भाषा,
अगर रंग न होते जग में,क्यों होती अभिलाषा,
रंग ऊर्जा हैं, रंग अभिव्यक्ति हैं, रंग एहसास हैं,
जीवन का हर रंग अपने आप में खास है|

रंगों की क्या मैं बात करूं, हर रंग में छुपी कहानी,
कुछ रंग है बचपन यौवन के,कुछ में दादी नानी,
हर रंग कुछ कहता हमसे, सपनों में इठलाते हुए,
जीवन की कसौटी पर, कभी उम्मीद जगाते हुए|

खूबसूरत रंगों से भरा जीवन, हर रंग को जी लो जी भर,
रूठा कोई तो मना लो उसको, गाढ़े रंगों से कर सराबोर,
हर रंग कुछ कहता है, छोटे-बड़े के भेद को भूलो,
रंग दो कोना-कोना मन का, मन के आकाश को छू लो|

मिल-जुल कर रहें सब, उमंग और उत्साह संग,
रंग नवसर्जन की नींव रखते, मानवता का अर्थ बदलते,
हर रंग कुछ कहता है, हो मार्ग अवरूद्ध कितने ही,
कहीं धूप-छांव रचते रंग, कहीं कृष्ण की बाँसुरी के सुर सजते|

हँसना-रोना-रूठना-मनाना-दोस्ती-सुख-दुख सब,
जीवन के कैनवास पर, ये होली के रंग समान,
हर रंग कुछ कहता है, भरें विश्वास का रंग इसमें,
आसमां में सजता इंद्रधनुष, जैसे नया स्वच्छ विहान|

होली तो है एक बहाना, गुझिया की मिठास का,
रंग भले ही मिट जाएं, चढ़ा रहे खुमार प्यार का,
हर रंग कुछ कहता है, ख्वाब सजाओ, गले लगाओ,
इन अद्भुत रंगों का रंग बने, आचार-विचार-व्यवहार का|
क्योंकि.. 
हर रंग कुछ कहता है
हर रंग कुछ कहता है
हर रंग कुछ कहता है

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