Friday, 26 June 2020

डैडी के नाम एक पाती

डैडी,

कई बार मन घुटता है,

अंतर में आँखों से आँसू नहीं बहते,

परन्तु मन में उमड़ आती है,

कई यादों की धाराएँ एक साथ.....

बचपन से अब तक के

सफ़र की हर बात....

कैसे हैं आप ? आशा करती हूं कि आप जहाँ भी होंगे,स्वस्थ और प्रसन्न होंगे।आपके प्रति सदा ही सम्मान और प्रेम का भाव रहा, वैसे यह कहने की बात नहीं । संकोच की सीमाओं के बीच कभी शब्दों के ज़रिए जता या बता नहीं पाई, लेकिन आज जब सोच रही थी कि फ़ादर्स-डे पर आपको उपहार क्या दूं? तो सोचा कि जिस पिता ने मुझे काबिल बनाने और हमेशा खुश रखने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, उनके लिए शायद किसी उपहार से  ज़्यादा अपनी बेटी की उनके प्रति प्रेम और भावनाओं की अभिव्यक्ति अनमोल होगी।

आज फादर्स डे है, कैसा फादर्स डे ?पहले मैंने सोचा, अब जब आप हमारे पास नहीं रहे, तो कैसा फादर्स डे ? लेकिन आप भौतिक रूप से न होकर भी हमारे साथ में ही हैं, लेकिन सिर्फ़ मेरी भावनाओं में । मेरे अस्तित्व में, मेरे वजूद के कण-कण में आप हम समाए हैं । मैंने आप ही से कर्तव्यों को निभाना, काम को पूजा समझना,अनुशासन, समय बद्धता, किसी काम को लगन से करना, जूझना आदि आदि न जाने कब सीख लिया ? आपने देश की रक्षा के लिए युद्ध के दौरान भी अपनी अजेय जिजीविषा दिखाते हुए देश की सेवा की ।

अपने बचपन को याद करती हूं मुझे आपकी पहली याद तब की आती है, जब आप मुझे भाई के जन्म पर साइकिल पर बैठाकर एम.एच. ले जाते थे ।आप इतना कस कर मेरी चोटियां बाँधते थे,कि उससे मेरे बालों में, मेरे सिर में खूब दर्द होता था । मैं बार-बार कहती थी,डैडी इतनी कस के मत बनाओ चोटी,पर आप तो अपना कर्तव्य बखूबी निभाना जानते थे । शायद.......इसलिए इतनी कसके चोटी बनाते थे ताकि मेरे बाल ना खुलें.....शायद इसलिए भी कि उन्हें चोटियां दोबारा ना बनानी पड़ें । मुझे वह भी याद है जब आप कई बार मेरे लिए कभी गुवाहाटी, कभी दिल्ली बार-बार जाते थे ताकि मेरा काम न रुके। जब भी मैंने सोचा कि यह मेरे पास होनी चाहिए, मेरे बिना कहे, आप मेरे मन को समझ जाते थे और मुझे वह चीज़ लाकर दे देते थे,चाहे साइकिल हो या घड़ी । मुझे याद है भाई बार-बार कुछ चीजों को लाने के लिए कभी आग्रह करता था, कभी रूठ जाता था,कभी मचलता था जिद्द भी करता था लेकिन वह ऐसा करता था और आप मेरे लिए वही चीज़ें ले आते थे ।

घर की बड़ी बेटी होने के नाते मैं घर की रानी थी ।दादी के शब्दों में घर की लक्ष्मी थी ।मुझे एक प्रोग्रेसिव सोच, स्वतंत्रता का एहसास और उन्मुक्तता आप ने दीं ।आपके साथ रहते हुए, बढ़ते हुए, मैंने कभी नहीं जाना कि लड़कियां लड़कों से कम होती हैं या लड़कियों को कहीं जाने आने की आजादी नहीं होती या लड़कियों को शाम होते ही घर वापस आ जाना चाहिए ।मेरे व्यक्तित्व एक ऐसा व्यक्तित्व है जिसमें 80% आप हैं ।

आज आप हमारे बीच नहीं हैं । अब से हर फादर्स डे को आपके बिना ही मनाना होगा । पर यह एहसास भी है कि आप हमारे बीच ही हैं, आप हमें देख रहे हैं, खुश हो रहे हैं और ढेर सारा आशीर्वाद दे रहे हैं । हां, मुझे एक बात और याद आई जब मैं विवाह योग्य हुई, आपने मुझसे पूछा बेटा कैसा लड़का पसंद करोगी ? मेरे लिए यह प्रश्न कुछ अटपटा था ।पर आज सोचती हूं क्योंकि उनकी सोच कितनी विस्तृत थी कि उन्होंने शादी के विषय में भी पहले मेरे विचार जानने चाहे।

मुझे याद है, जब मैं पेंटिंग किया करती थी, आप मेरे लिए कितनी मेहनत से फ़्रेम बनाते थे, फिर उस पर टारपोलीन चढ़ाते थे। कभी-कभी कील ठोंकते हुए उंगली घायल भी हो जाती थी, पर आपके चेहरे पर शिकन नहीं आती थी। आज मुझे आपके उस दर्द का अहसास हो रहा है । मात्र 14 वर्ष की उम्र में आपने मुझे स्कूटर चलाना सिखाया,जो आज भी मेरे लिए डाइविंग का आधार है ।

मुझमें आपके गुण बचपन से ही थे जैसे - जैसे बड़ी हुई आपकी विचारधारा मुझमे समाहित होती गयी  और आप मेरे  सुपर हीरो , मेरे आदर्श बन गए । मेरी हर ज़िद पूरी करने  की आपकी चाहत थी तो आपकी पसंद के छोटे -छोटे काम करना मुझे अच्छा लगता था,जैसे आपकी सर्विस कैप के पीतल के लोगो को चमकाना या आपके शू पॉलिश करना ।कभी मैं आपकी पसंद का खाना बनाने की कोशिश करती और कभी रोटी जल जाती या नमक डालना भूल जाती पर आप तारीफ करते - करते बड़े शौक से खा लेते थे । यहाँ तक कि मेरी बनाई बगैर नमक की सब्ज़ी भी  खा लेते थे । सिर्फ़ मेरे लिए  कि मुझे बुरा न लगे ।  मैं बचपन में स्टेज पर जाने से डरती थी, शायद उस समय मुझमें आत्मविश्वास की कमी थी ।  तब आपने  कहा था कि यदि स्टेज पर अपनी प्रस्तुति अच्छे से नहीं दे पाई तो कोई तुम्हें सज़ा नहीं देगा ।  दुःख तुम्हें तब होगा, जब तुम अपने डर के कारण स्टेज पर ही न जाओ , तब तुम्हें हमेशा यह मलाल रहेगा यदि मैं प्रस्तुति देने गई होती, तो शायद वह प्रस्तुति अच्छी भी हो सकती थी ।  बस फिर मैं आगे बढ़ती गयी और उस साल श्रेष्ठ वक्ता का खिताब अपने नाम कर लिया ।  सफलता -असफलता मिलती रही पर मैंने आपके द्वारा सिखाए गए आत्मविश्वास का साथ नहीं छोड़ा ।

सूरज सा तेज और आसमान सी उंचाई है,

ज़िंदगी के रूप में खुदा ने आपकी तस्वीर बनाई है

मैं इसीलिए अपनी अमूल्य भावनाएं, जो सिर्फ़ आपके लिए हैं, उन्हें व्यक्त कर रही हूं। डैडी, एक बेटी होने के नाते हमेशा से ही मेरा झुकाव आपकी तरफ अधि‍क रहा है ।मम्मी ने किसी चीज़ के लिए मना भी किया, तो चोरी-चुपके आप मेरी फ़रमाइशें पूरी कर दिया करते थे। हर शौक मेरा आपने पूरा किया और हर छोटी-बड़ी उपलब्धि‍ पर मेरा उत्साह बढ़ाते रहे। जब भी मेरी हिम्मत ज़रा भी कहीं कम पड़ती, आप मेरा हौसला बन जाते।यह कहकर कि 'तुम करो, आगे बढ़ो/ मैं हूं ना तुम्हारे साथ, फिर किस बात की चिंता?' आपके इन शब्दों ने जीवन की किसी भी कठिन और असमंजसभरी परिस्थिति में मेरा साथ नहीं छोड़ा और मैं संघर्ष के दिनों में भी दुगने आत्मविश्वास के साथ खड़ी हुई और अपनी लड़ाई जारी रखी।आज भी समय कैसा भी हो, चाहे कोई साथ खड़ा हो न हो, मुझे ये विश्वास है कि आप हर पल मेरे साथ खड़े हैं और दुनिया की कोई ताकत मुझे डिगा नहीं सकती।

जब मैं स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही होती, तब आप मेरी साइकल को निकालकर, साफ करके उस पर मेरा स्कूल बैग भी रख दिया करते और मेरे जूतों पर कपड़ा मारकर पहनने के लिए तैयार करके रखते, जैसे कोई महारानी आकर उन्हें पहनेगी और साइकल उठाकर निकल जाएगी। सच मैं राजकुमारी ही तो हूं आपकी, जैसे हर बेटी होती है अपने पिता के लिए। आप हमेशा से ही मेरे आदर्श रहे हो, जैसे हर पिता होता है बेटी के लिए ...उसका पहला हीरो।

मुझे रख दिया छाँव में खुद जलते रहे धूप में,

मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता अपने पिता के रूप में।

मेरी पढ़ाई की और आपकी नौकरी की भागादौड़ी में डैडी न जाने कितनी बातें आपको बतानी रह गईं। मैं आप से बहुत सी बातें करना चाहती हूँ । अपनी हर  जीत और हार की कहानी सुनना चाहती हूँ । पर अब आप मुझसे बात नहीं करते हो । मुझसे क्या किसी से भी नहीं । आप असमय ही हमसे बहुत दूर चले गए हो । मुझे यह मलाल हमेशा रहेगा कि मैं आपके लिए कुछ नहीं कर पाई । डैडी आप ही बताएँ कि मैं क्या करुँ? आपकी बहुत याद आती है । मैं जानती हूँ भूले तो आप भी नहीं होंगे । मेरे पत्र का जवाब जरूर देना । आपके जवाब का  इंतज़ार रहेगा ।

 

तब खुद को समझाने पर भी,

नहीं होता है विश्वास,

आज आप नहीं हैं हमारे बीच,

और न हमारे पास.....।।

आपकी डौली

 

 

 

 

 

 


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