एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम
मेरा
देश बड़ा गर्वीला, रीति-रसम-ऋतु-रंग-रंगीली
जहाँ
वास कँकड़ में हरि का, वहाँ नहीं
चाँदी चमकीली
मेरा
देश बड़ा गर्वीला, रीति-रसम-ऋतु-रंग-रंगीली
मन में
राम, बगल में गीता, घर-घर आदर रामायण का
किसी
वंश का कोई मानव, अंश साझते
नारायण का
लो
गंगा-यमुना-सरस्वती या लो मंदिर-मस्जिद-गिरजा
ब्रह्मा-विष्णु-महेश
भजो या जीवन-मरण-मोक्ष की चर्चा
सबका
यहीं त्रिवेणी-संगम, ज्ञान गहनतम, कला रसीली
मेरा
देश बड़ा गर्वीला, रीति-रसम-ऋतु-रंग-रंगीली
भारत एक अद्भुत राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म के तानो-बानो, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्रता
संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँध कर
हुआ हैं| एक साझा इतिहास
के बीच आपसी समझ की भावना ने विविधता में एक विशेष एकता को सक्षम किया है, जो राष्ट्रवाद की एक लौ
के रूप में सामने आती है, जिसे भविष्य में पोषित और अभिलषित करने की आवश्यकता है।
समय और तकनीक ने संपर्क और संचार के मामले में दूरियों को कम कर दिया है। ऐसे
युग में जो गतिशीलता और आगे बढने की सुविधा है, उसे ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच सांस्कृतिक
आदान-प्रदान के सामान्य दृष्टि कोण के द्वारा आपसी रिश्तो में मजबूती करना और
राष्ट्र-निर्माण महत्वपूर्ण है। आपसी समझ और विश्वास भारत की ताकत की नींव है और
भारत के सभी नागरिक सांस्कृतिक रूप से एकीकृत महसूस करते हैं।
31 अक्टूबर, 2015 को आयोजित राष्ट्रीय
एकता दिवस के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल
की जयंती मनाने की कल्पना की गई, जिसके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के संप्रदायों के
बीच एक निरंतर और संरचित सांस्कृतिक संबंध बनाए जा सकें। माननीय प्रधानमंत्री ने
यह प्रतिपादित किया कि सांस्कृतिक विविधता एक खुशी है, जिसे विभिन्न राज्यों और
केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच पारस्परिक संपर्क और पारस्परिकता के माध्यम
से मनाया जाना चाहिए ताकि देश भर में समझ की एक सामान्य भावना प्रतिध्वनित हो। देश
के प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश का एक वर्ष के लिए किसी अन्य
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के साथ जोड़ा बनाया जाएगा, इस दौरान वे भाषा, साहित्य, भोजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि क्षेत्रों में
एक दूसरे के साथ जुड़ेंगे|
भागीदार राज्य/
केन्द्र शासित प्रदेश आपस में एक दूसरे को सास्कृतिक रूप से अंगीकृत करेंगे, जिससे आपसी जुड़ाव की
लंबी प्रक्रिया का मार्गप्रशस्त होगा। सांस्कृतिक स्तर पर राज्यों / केंद्र शासित
प्रदेशों के प्रत्येक जोड़े की आबादी के विभिन्न क्षेत्रों के बीच इस तरह की
बातचीत, लोगों के बीच समझ
और प्रशंसा की भावना पैदा करेगी और आपसी संबंध बनाएगी, जिससे राष्ट्र एकता की
भावना में समृधि हासिल होगी।
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के उद्देश्य हैं-हमारे राष्ट्र की विविधता में
एकता का जश्न मनाने और हमारे देश के लोगों के बीच पारंपरिक रूप से विद्यमान
भावनात्मक संबंधों को बनाए रखने और मजबूत करना, राज्यों के बीच एक साल की
योजनाबद्ध भागीदारी के माध्यम से सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के
बीच गहरी और संरचित भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना, लोगों को भारत की विविधता को समझने और सराहने
में सक्षम बनाने के लिए किसी भी राज्य की समृद्ध विरासत और संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं
को प्रदर्शित करना, जिससे आम पहचान
की भावना को बढ़ावा मिले, दीर्घकालिक जुड़ाव स्थापित करना और एक ऐसा वातावरण बनाना जो सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करके राज्यों
के बीच सीखने को बढ़ावा दे।
इस कार्यक्रम का दृष्टिकोण है- एक राष्ट्र के रूप में भारत के विचार का जश्न
मनाने के लिए, जिसमें विभिन्न
भौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न सांस्कृतिक इकाइयाँ एकजुट होती हों और एक-दूसरे के
साथ बातचीत करती हों, यह विविध भाषाओं, व्यंजनों, संगीत, नृत्य, थिएटर, फिल्मों और फिल्मों, हस्तशिल्प, खेल, साहित्य, त्यौहारों की शानदार
अभिव्यक्ति है। पेंटिंग, मूर्तिकला आदि
लोगों को बंधन और भाईचारे की सहज भावना को आत्मसात करने में सक्षम बनाएगी| हमारे लोगों को विशाल भूभाग में फैले आधुनिक
भारतीय राज्य के निर्बाध अभिन्न ढांचे के बारे में जागरूक करना, जिसकी मजबूत नींव पर देश
की भू-राजनीतिक ताकत से सभी को लाभ सुनिश्चित होगा। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के घटकों के बीच बढ़ते अंतर-संबंध के बारे
में बड़े पैमाने पर लोगों को प्रभावित करना, जो राष्ट्र निर्माण की भावना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के विभिन्न राज्यों में रहने वाले विभिन्न राज्यों, संस्कृतियों और परंपराओं
के लोगों के बीच 'एक अजीब देश में
अजनबी' की भावना को कम करना। इन घनिष्ठ अंतर-सांस्कृतिक अंतःक्रियाओं के माध्यम से समग्र
रूप से राष्ट्र के लिए जिम्मेदारी और स्वामित्व की भावना पैदा करना, क्योंकि इसका उद्देश्य
स्पष्ट रूप से अंतर-निर्भरता मैट्रिक्स का निर्माण करना है। एक ही समय में राष्ट्र की विविधता और एकता का जश्न मनाना। लोगों के बीच समझ और प्रशंसा की भावना पैदा करना और राष्ट्र
में एकता की एक समृद्ध मूल्य प्रणाली को सुरक्षित करने के लिए आपसी संबंध बनाना।
निश्चित तौर पर
यह कार्यक्रम जिन उदात्त भावों को जाग्रत करता है, उनसे देश का भविष्य उज्ज्वल
बनेगा और अनेकता में एकता का भाव संचारित होगा-
अनेकता में एकता, हिन्द की श्रेष्ठता,
सबको जो मिलकर बनाए, एक अद्वितीय परिवार।
भाषाएं, धर्म, जाति भिन्न, पर आत्मा एक हमारी,
सबकी भावनाओं का सम्मान, यही है हिन्द की पहचान।
मीता गुप्ता