Friday, 24 September 2021

कहां लें एडमिशन? आज का सबसे बड़ा प्रश्न ?? 20.09.2021

 

कहां लें एडमिशन? आज का सबसे बड़ा प्रश्न ??



किसी भी स्टूडेंट के जीवन में हायर सेकेंडरी पास करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण निर्णय होता है कि उसे किस कॉलेज में एडमिशन लेना चाहिए?

अक्सर लुभावने विज्ञापन, सुनी-सुनाई बातों और दूसरों की देखा-देखी बच्चे और अभिभावक गलत कॉलेज का चुनाव कर लेते हैं, जो स्टूडेंट के करियर के लिए बुरा साबित होता है|8 बातें एडमिशन से पहले पता करेंः

एक्रीडिटेशन-किसी भी संस्थान के एक्रीडिटेशन की जांच जरूर करें। सच तो यह है कि जॉब मार्केट में उसी डिग्री को मान्यता दी जाती है जो किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से हासिल की गई हो।

ग्रैजुएशन रेट-किसी भी यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट होने वाले छात्रों की संख्या का सही अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इससे दाखिला संबंधी संभावना की जानकारी आपको मिल सकेगी।

रिटेंशन रेट-अगर किसी यूनिवर्सिटी की ऊंची रिटेंशन रेट है तो इसका सीधा-सा मतलब है कि वहां के बच्चे पढ़ाई से संतुष्ट हैं। यही वजह है कि नए क्लास में जाने पर यूनिवर्सिटी या कॉलेज नहीं बदल रहे हैं।

करियर पर ध्यान-यह इस बात को बताता है कि यूनिवर्सिटी में बच्चों के करियर को लेकर कितनी संजीदगी है। अगर काउंसलिंग की सुविधाएं, इंटरव्यू की तैयारी, रेज्यूमे रिव्यू और जॉब हंटिंग जैसी बातों पर भरपूर ध्यान दिया जाता है तो इसका मतलब है कि माहौल बेहतर है।

प्लेसमेंट-यह काफी अहम है। किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज का प्लेसमेंट रेकॉर्ड कैसा है, यहां वहां के पूर्व छात्रों या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के जरिए पता कर सकते हैं। इसके अलावा, पिछले 5 बरसों का प्लेसमेंट रेकॉर्ड और इंटर्नशिप देने वाली कंपनियों की लिस्ट की जानकारी भी हासिल करें।

सोशल मीडिया-यूनिवर्सिटी या कॉलेज की वेबसाइट के अलावा सोशल मीडिया मौजूदगी पर भी ध्यान देना जरूरी है। यहां से आपको पता चलेगा कि कितने छात्र खुश हैं और कितने नाखुश। इसमें पूर्व छात्रों के टेस्टिमोनियल और इंटरनेट पर मौजूद फोरम बेहद मददगार होते हैं।

फैकल्टी-एडमिशन से पहले यह जरूर पता करें कि जिस सब्जेक्ट में आप एडमिशन ले रहे हैं, उसकी फैकल्टी कैसी है। अगर पढ़ाने वाले ढंग के नहीं मिले तो एडमिशन लेने का कोई मतलब नहीं है।

एजुकेशन लोन-किसी कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले एजुकेशन लोन के बारे में पूछताछ करें। अमूमन एजुकेशन लोन सिर्फ उन्हीं कॉलेजों को दिया जाता है जो मान्यता प्राप्त होते हैं।

हायर एजुकेशन के संस्थान

सेंट्रल यूनिवर्सिटी-इन यूनिवर्सिटीज़ की स्थापना केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संसद में पारित ऐक्ट के आधार पर की जाती है।

डीम्ड यूनिवर्सिटी-डीम्ड यूनिवर्सिटी का स्टेटस उच्च शिक्षा देने वाले ऐसे संस्थानों को दिया जाता है जो किसी खास क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हों। यह मान्यता केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यूजीसी ऐक्ट 1956 के सेक्शन 3 के तहत दी जाती है। इसके अंतर्गत ऐसे संस्थानों को यूनिवर्सिटी जैसे अधिकार मिल जाते हैं और ये डिग्री दे सकते हैं।

एफिलिएटेड इंस्टिट्यूट‌-ये किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध संस्थान/कॉलेज होते हैं और उस यूनिवर्सिटी के विभिन्न कोर्स संचालित करने का इनको अधिकार होता है। ये खुद न तो एग्जाम करा सकते हैं और न ही कोई डिग्री प्रदान कर सकते हैं।

रेकग्नाइज्ड यूनिवर्सिटी- भारत में किसी भी यूनिवर्सिटी को डिग्री प्रदान करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) देता है। यूजीसी जिसे यह अनुमति देती है उसे रेकग्नाइज्ड यूनिवर्सिटी कहा जाता है।

रजिस्टर्ड संस्थान-सोसायटी ऐक्ट/एनजीओ ऐक्ट आदि के तहत पंजीकृत संस्थाओं को रजिस्टर्ड संस्थानों की श्रेणी में रखा जाता है। जरूरी नहीं कि इनके द्वारा संचालित कोर्स भी मान्यता प्राप्त होंगे ही।

प्राइवेट यूनिवर्सिटी-प्राइवेट यूनिवर्सिटी की शुरुआत राज्य विधानसभा द्वारा ऐक्ट पारित करने और यूजीसी द्वारा उसे गजट में शामिल करने के आधार पर हो सकती है। इनको यूजीसी द्वारा एस्टाब्लिशमेंट एंड मेंटेनेंस ऑफ़ स्टैंडर्ड इन प्राइवेट यूनिवेर्सिटिज़ रेग्यूलेशन 2003 द्वारा रेग्युलेशंस किया जाता है।

एडमिशन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है-

1. ब्रोशर देखकर और वादे पर भरोसा कर कभी भी एडमिशन का फैसला न करें। हमेशा फैक्ट चेक करें, प्लेसमेंट का पता लगाएं, सरकारी वेबसाइट्स का सहारा लें और उन पर ही यकीन करें।

2. सिर्फ कॉलेजों की टॉप रेटिंग या टॉप चार्ट देखकर ही तसल्ली न करें बल्कि बारीकी से इनकी जांच करे और हर कसौटी पर कसने के बाद ही एडमिशन के बारे में सोचें। इन संस्थानों की विश्वसनीयता की जांच के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और यूजीसी जैसी मान्य सरकारी निकायों ने कई पैरामीटर्स तय किए हैं। आपको भी इन पैरामीटर्स को देखना चाहिए और तभी एडमिशन के बारे में सोचना चाहिए।

3. कोई भी संस्थान मान्यता प्राप्त है या नहीं, यह सबसे बड़ा मुद्दा है। संभव है कि ऐसे संस्थान/ यूनिवर्सिटी/ कॉलेज जिनकी बिल्डिंग अच्छी हो और जो सौ फीसदी प्लेसमेंट का दावा करता हो, जहां के हॉस्टल्स भी शानदार हों, उन्हें सरकारी मान्यता ही नहीं मिली हो। बिना मान्यता प्राप्त संस्थान की सारी खासियतें बेकार हैं क्योंकि जब आप उस यूनिवर्सिटी या कॉलेज से डिग्री लेकर बाहर निकलेंगे तो उसकी कोई वैल्यू नहीं होगी। ऐसा भी मुमकिन है कि कॉलेज अपना दावा मजबूत करने के लिए कैंपस प्लेसमेंट भी करा दे, लेकिन तब भी वह डिग्री किसी काम का नहीं क्योंकि ऐसा देखा गया है कि गैरमान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी में मिली हुई कैंपस प्लेसमेंट की लाइफ ज्यादा लंबी नहीं होती। अमूमन 4 से 6 महीनों में यहां के स्टूडेंट्स को यह कहकर निकाल दिया जाता है कि वे योग्य नहीं हैं। इसके बाद दूसरी कंपनियों में जॉब ढूंढना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।

4. वहीं डीम्ड यूनिवर्सिटी सबसे ज्यादा गड़बड़ी दूसरी जगहों पर स्टडी सेंटर खोलने में करती है। संसद और विधानसभाओं के एक्ट द्वारा बनाई गई यूनिवर्सिटी ही दूसरे कॉलेज और इंस्टिट्यूट को कोर्स चलाने के लिए खुद से संबंद्ध कर मान्यता दे सकती है। डीम्ड यूनिवर्सिटी को अपने मेन कैंपस के अलावा दूसरे किसी कैंपस या संस्थान में कोर्स चलाने की इजाजत नहीं है।

खुद ऐसे करें चेकिंग

अगर आप किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने जा रहे हैं और संस्थान या उसके चलाए जाने वाले कोर्स के बारे में क्रॉस चेक करना चाहते हैं तो इन पर निगरानी और कंट्रोल रखने वाले कुछ संस्थानों के नाम और वेबसाइट हम यहां दे रहे हैं। अगर संदेह फिर भी न मिटे तो इन वेबसाइट्स पर जरूरी कॉन्टैक्ट भी उपलब्ध होते हैं, जहां फोन कर आप पूरी जानकारी ले सकते हैं।

1. www.ugc.ac.in

बारहवीं के बाद की पढ़ाई के मामले में यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन) ही वह संस्था है और इसकी वेबसाइट वह जगह है, जहां आप पूरी जानकारी ले सकते हैं। जिस भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज की बारे में जानकारी चाहिए, उसके बारे में पूरी जानकारी यहां मिल जाएगी। कोई भी संस्थान अगर डिग्री कोर्स करा रहा है और अगर वह असली है तो उसकी जानकारी इस वेबसाइट पर सर्च में नाम करने पर मिल जाएगी।

2. www.aicte-india.org

यह टेक्निकल एजुकेशन की मान्यता के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की परिषद है जो मानव संसाधन मंत्रालय के तहत काम करती है। कोई भी संस्थान जो इंजिनियरिंग, मैनेजमेंट आदि जैसे तकनीकी क्षेत्रों में डिग्री या डिप्लोमा देता हो, उसे एआईसीटीई से मान्यता लेना जरूरी होता है। यह अपने पैरामीटर्स के अनुसार भारतीय शिक्षा संस्थानों में पोस्ट ग्रैजुएशन और ग्रैजुएशन स्तर के कार्यक्रमों को मान्यता देती है। इसकी वेबसाइट www.aicte-india.org है। इस संस्था के तहत निम्न तरह की तकनीकी पढ़ाई आती है:

- इंजिनियरिंग,टेक्नॉलजी,मैनेजमेंट स्टडीज,वोकेशनल एजुकेशन,फार्मेसी,आर्किटेक्चर,होटेल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नॉलजी,इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी,टाउन एंड कंट्री प्लानिंग,अप्लाइड आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स ।

ऊपर वाले कोर्सों में से किसी में अगर कोई संस्थान डिग्री या डिप्लोमा करा रहा है तो इस वेबसाइट पर जाकर सर्च में उसका नाम टाइप करने पर अगर उसके बारे में और उस कोर्स के बारे में जानकारी आती है तो वह असली है।

किसी संस्थान की कोई स्पेशलाइज्ड कोर्स मान्यता प्राप्त है या नहीं, नीचे दी गई उससे जुड़ी वेबसाइट पर जाकर सर्च में संस्थान का नाम डालें:

- टीचर्स एजुकेशन www.ncte-india.org

- लॉ www.barcouncilofindia.org

- डेंटल कोर्स www.dciindia.gov.in

- फार्मेसी www.pci.nic.in

- होम्योपैथी डिग्री www.cchindia.com

- यूनानी : www.ccimindia.org

- एग्रिकल्चर www.icar.org.in

यदि आप ये सावधानियाँ बरतेंगे और सजग होकर कॉलेज में प्रवेश लेंगे, तो निश्चित ही आप न केवल अपने मनपसंद विषय को पढ़ेंगे, बल्कि आपकी योग्यता सार्थक सिद्ध होगी और आप राष्ट्र हित में काम करने के लिए और भी तत्पर होंकर अपना संपूर्ण योगदान दे पाएंगे ।

मीता गुप्ता

8126671717

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