Saturday, 24 December 2022

श्रद्धांजलि माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी

 

श्रद्धांजलि

माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी




बाधाएं आती हैं आएं,

घिरें प्रलय की घोर घटाएं,

पावों के नीचे अंगारे,

सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,

निज हाथों में हंसते-हंसते,

आग लगाकर जलना होगा,

कदम मिलाकर चलना होगा।

हास्य-रुदन में, तूफ़ानों में,

अगर असंख्यक बलिदानों में,

उद्यानों में, वीरानों में,

अपमानों में, सम्मानों में,

उन्नत मस्तक, उभरा सीना,

पीड़ाओं में पलना होगा,

कदम मिलाकर चलना होगा॥

 

25 दिसंबर का दिन दुनियाभर में खास है। इस दिन विश्व के कई देश क्रिसमस का पर्व मनाते हैं। हालांकि भारत के लिए 25 दिसंबर का महत्व अलग ही है। भारत के इतिहास में 25 दिसंबर की तारीख सिर्फ़ क्रिसमस के तौर पर ही नहीं, बल्कि सुशासन दिवस के रूप में भी दर्ज है। प्रत्येक वर्ष भारतीय 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाते हैं। सवाल ये है कि सुशासन दिवस क्यों मनाते हैं? इस दिन को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई? सुशासन दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है? सबसे पहले तो यह जान लेना चाहिए कि सुशासन दिवस भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से संबंधित खास दिन है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के तौर पर मनाते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने नौकरशाहों की एक बैठक ने कहा- एक व्यक्ति के सशक्तिकरण का अर्थ है देश का सशक्तिकरण है। तेज़ रफ़्तार आर्थिक विकास तथा सामाजिक परिवर्तन से ही यह दूरगामी लक्ष्य हासिल हो सकता है।  उनके ये शब्द देश में उनके अहम योगदान को दर्शाते हैं। उन्होंने न सिर्फ़ भारतीय अर्थव्यवस्था को स्वरूप दिया, बल्कि कमज़ोर वर्गों के उत्थान की नीतियों को भी विस्तार दिया।

आइए उनके कार्यकाल की कुछ अहम उपलब्धियों पर नजर डालते हैं-

*    उन्होंने ग्रामीण इलाकों को मुख्यालय की सड़कों से जोड़ने की योजना शुरू की स्वर्ण चतुर्भुज योजना से चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली व मुंबई हाईवे के नेटवर्क से जुड़े। वहीं प्रधानमंत्री ग्राम योजना से गांव-गांव तक सड़कें बननी शुरू हो गईं।

*    वाजपेयी जी वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम लाए, इससे राजकोषीय घाटा कम करने का लक्ष्य रखा गया। इस कदम ने सार्वजनिक क्षेत्र में बचत को बढ़ावा दिया। इसके चलते वर्ष 2000 में जो जीडीपी ग्रोथ रेट 3.84% थी, वह 2005 में बढ़कर 7.92% हो गई। (साभार: macrotrends.net)

*    उन्होंने देश में संचार क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाई। वे टेलीकॉम फ़र्म्स के लिए फिक्स्ड लाइसेंस फीस को हटाकर रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था लेकर आए। भारत संचार निगम लिमिटेड का गठन करवाया इससे संचार क्षेत्र का व्यापक विस्तार हुआ।

*    उन्होंने सरकार का दखल कम करने के लिए निजीकरण को अहमियत दी। अलग विनिवेश मंत्रालय बनाया गया। बालको, हिंदुस्तान जिंक, बीएसएनएल इंडिया, पेट्रोकेमिकल्स अहम विनिवेश थे।

*    उनके कार्यकाल में सर्व शिक्षा अभियान के ज़रिए 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया। वर्ष 2001 में लांच इस योजना के महल 4 साल के भीतर स्कूल से दूर रहने वाले बच्चों की संख्या में 60% की कमी आई। इस अभियान के लिए लिखी उनकी कविता “स्कूल चलें” काफ़ी चर्चित हुई, जिससे उनके शिक्षा के प्रति गंभीर सरोकार का पता चलता है-

सवेरे सवेरे, यारों से मिलने, बन ठन के निकले हम,

सवेरे सवेरे, यारों से मिलने, घर से दूर चलें हम,

रोके से ना रुके हम, मर्ज़ी से चले हम,

बादल-से गरजें हम,

सावन-से बरसें हम,

सूरज-सा चमकें हम,

स्कूल चलें हम।

इसके दरवाज़े से दुनिया के राज़ खुलते हैं,

कोई आगे चलता है, हम पीछे चलते हैं,

दीवारों पे किस्मत अपनी लिखी जाती है,

इस से हमको जीने की वजह मिलती जाती है,

रोके से ना रुके हम, मर्ज़ी से चले हम,

बादल-से गरजें हम,

सावन-से बरसें हम,

सूरज-सा चमकें हम,

स्कूल चलें हम।

*    वाजपेयी जी को केंद्र की सत्ता में रहते कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पोखरण में परमाणु परीक्षण के बाद देश पर लगी पाबंदियों के बाद अर्थव्यवस्था को संभाले रखने की चुनौती हो या कारगिल में पाकिस्तान से मिला धोखा हो। अटल जी ने हर मुसीबत का डटकर सामना किया।

*    उन्होंने सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर की बस सेवा शुरू की। उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में पाकिस्तान यात्रा कर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाकात की और आपसी रिश्तों में नई शुरुआत की घोषणा की। कुछ समय बाद तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ़ की शह पर पाक-सेना आतंकवादियों ने कारगिल में घुसपैठ कर कई चोटियां कब्ज़ा कर ली थीं। अटल सरकार ने पाक सीमा का उल्लंघन नहीं करते हुए धैर्य पूर्वक कार्यवाही कर भारतीय क्षेत्र मुक्त करवा लिया।

*    पाक परस्त पांच आतंकियों के समूह ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला किया। सुरक्षाबलों ने सभी को मार गिराया। इस हमले में दिल्ली पुलिस के 6 और अर्धसैनिक बल के 2 जवान शहीद हो गए। एक माली की भी मौत हो गई। हमले में लश्कर और जैश का हाथ था। सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजाब, राजस्थान, गुजरात, कश्मीर आदि राज्यों की सीमा पर तीन लाख सैनिक बढ़ा दिए।

*    अटल जी ने सहयोगी दलों के साथ सर्वसम्मति से 3 नए राज्यों का गठन किया। छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड का गठन क्रमशः 1 नवंबर, 9 नवंबर और 15 नवंबर 2000 को हुआ था। इससे इन राज्यों का तेज़ी से विकास होने लगा।

अंत में अटल जी को नमन करते हुए-

टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर

पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर

झरे सब पीले पात, कोयल की कुहुक रात

प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूँ

गीत नया गाता हूँ।

टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी

अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी

हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा

काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ

गीत नया गाता हूँ॥

 

 

मीता गुप्ता

 

 

 

 

 

 

 

 

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