Tuesday, 20 June 2023

हर घर-आंगन योग

हर घर-आंगन योग




"हर घर-आंगन योग" वाक्य का अर्थ है कि योग का अभ्यास हर घर में किया जाना चाहिए या हर घर में योग की अवधारणा और अभ्यास होना चाहिए। योग एक प्राचीन भारतीय विधि है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए उपयोगी होता है। यह मेडिटेशन, आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा को संयुक्त करने का एक तरीका है।
हर घर में योग का अभ्यास करने के अनेक लाभ होते हैं। इससे शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, मानसिक तनाव कम होता है, मनःशांति और चित्त की स्थिरता प्राप्त होती है, और सामर्थ्य और स्वयंवलंबन में सुधार होता है। योग ध्यान की सक्षमता को विकसित करता है और उच्च स्तर की चेतना एवं उत्साह प्रदान करता है। यह परिवारों को संगठित और संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करता है।
इसलिए, "हर घर योग" विचार यह सुझाता है कि हमें अपने दैनिक जीवन में योग को समावेश करना चाहिए और योग के गुणों का लाभ उठाना चाहिए। इससे हमारे जीवन का स्तर बेहतर हो सकता है और हम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ स्थिरता और संतुलन को प्राप्त कर सकते हैं।
 योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो शारीर, मन, और आत्मा को संयुक्त करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है। इसका मुख्य उद्देश्य शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारना, आत्मज्ञान और स्वयंविकास को प्रोत्साहित करना है।
योग के मुख्य तत्वों में आसन (योगिक पोजिशन), प्राणायाम (श्वास नियंत्रण), ध्यान (मन की एकाग्रता) और धारणा (मन का नियंत्रण) शामिल हैं। इन तकनीकों के माध्यम से, योग शरीर की लचीलता, शांति, और शक्ति को बढ़ाता है और मन को स्थिर और नियंत्रित करने में मदद करता है।

हर घर में योग का अभ्यास करने के लाभों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
1. शारीरिक स्वास्थ्य: योग आसन और प्राणायाम के माध्यम से शारीरिक लचीलता बढ़ाता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और शारीर के विभिन्न अंगों को संतुलित करता है। इससे दिल की सेहत, पाचन तंत्र, श्वसन प्रणाली, और आंत्र की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
2. मानसिक स्वास्थ्य: योग मन को शांत, स्थिर, और ध्यानावस्था में लाने में मदद करता है। ध्यान और धारणा के माध्यम से मन को संयमित करके चिंताओं, तनाव, और मनोविकारों को कम करने में सहायता मिलती है। योग अभ्यास करने से मन की स्थिरता, चित्तशांति, और सकारात्मकता विकसित होती है।
3. संयम और उच्चता: योग का अभ्यास व्यक्ति को संयम, धैर्य, और स्वनियंत्रण की क्षमता प्रदान करता है। यह व्यक्ति को अपने विचारों, भावनाओं, और क्रियाओं को संयंत्रित करने का सामर्थ्य देता है। इससे स्वतंत्रता, सामर्थ्य, और संयमित निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
4. पारिवारिक संबंधों में समरसता: हर घर में योग का अभ्यास परिवारिक संबंधों को मजबूत और समरस बनाने में मदद करता है। योग साझा अभ्यास के माध्यम से परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के साथ संबद्धता और समरसता में लाता है। यह एक साझा गतिविधि के रूप में परिवार के सदस्यों के बीच एकाग्रता और उत्साह का संचार करता है।
इस प्रकार, हर घर में योग का अभ्यास शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारता है और परिवार के सदस्यों के बीच समरसता और संबंधों को मजबूत करता है। योग का अभ्यास अपने दैनिक जीवन में सम्मिलित करके हम एक स्वस्थ, सुखी, और समृद्ध जीवन का आनंद उठा सकते हैं।

 

मीता गुप्ता


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