प्यारे बापू
अच्छे बापू
सब झूठों में सच्चे बापू
तुमको मालूम
ये सब जितने
कूड़ा-करकट खेल रहे हैं
ये सब तुमको झेल रहे हैं
ये पाएँ तो धर्म बेच दें
देश बेच दें
तुमको भी विदेश भेज दें
इनको कुछ भी पड़ी नहीं है
ये तो सारे पैसे-वैसे
जातिवाद पर नाच रहे हैं
लिए पोथियाँ संविधान की
झूठ-मूठ का बाँच रहे हैं
ग़ज़ब देश है
ग़ज़ब लोग हैं
हर चौराहे
झाड़ू-झाड़ू खेल रहे हैं
नई नई लाठी थामे
सत्य, अहिंसा पेल रहे हैं
रोड पटी है
गड्ढे-गड्ढे
बहुत भीड़ है
बहुत जाम है
सबके अपने ताम-झाम हैं
लॉजिक रीजनिंग लॉक बंद है
अल्लाह-अल्लाह राम-राम हैं
सब अच्छा है
सब सच्चा है
इनकी छोड़ो अपनी बोलो
कहाँ आजकल रमे हुए हो
किन बातों पर जमे हुए हो
क्या कहते हो मौन धरे हो
बापू तुम भी बहुत बुरे हो
बोलो बापू
प्यारे बापू
अच्छे बापू
सब झूठों में सच्चे बापू
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