Friday, 16 July 2021

हिंदी भाषा में सूचना प्रोद्योगिकी का प्रयोग

 

हिंदी भाषा में सूचना प्रोद्योगिकी का प्रयोग





















सूचना प्रोद्योगिकी क्या है?

              सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ है, सूचना का एकत्रीकरण, भंडारण, प्रोसेसिंग, प्रसार और प्रयोग। यह केवल हार्डवेअर अथवा सॉफ़्टवेअर तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इस प्रौद्योगिकी के लिए मनुष्य की महत्ता और उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना, इन विकल्पों के निर्माण में निहित मूल्य, यह निर्णय लेने के लिए प्रयुक्त मानदंड है कि क्या मानव इस प्रौद्योगिकी को नियंत्रित कर रहा है  और इससे उसका ज्ञान संवर्धन  हो रहा है। किसी भी क्षेत्र मे सूचना प्रोद्योगिकी का मतलब उन क्रिया-कलापों से हैं जो सूचना का उत्पादन, संग्रहण, आसवन,पुनर्मुद्रण, वितरण एवं सम्प्रेषण तकनीकी एवं प्रोद्योगिकी रूप मे किया जाए विशेषतः कंप्यूटर तकनीकी के माध्यम से |

आवश्यकता क्यों ?

बढ़ती हुई जागरूकता |

कंटेंट (सामग्री) की  अनुपलब्धता |

हिंदी की बहुआयामिता |

उपभोक्ताओं तक पहुँच |

हिंदी को तकनीकी भाषा बनाने में योगदान |

सरकारी आदेशों की अनुपालना |

वक्त की मांग |

सभी के लिए मंच |

हिंदी भाषा को चुनौती

       आज टेक्नाँलाँजी की भाषा को आम आदमी के नज़दीक पहुँचाने की आवश्यकता बढ़ गई है। मुक्त बाज़ार और वैश्वीकरण के दबावों ने हिन्दी को ज़रुरत और मांग के अनुकूल ढालने में भूमिका निभाई है। विश्व में अब उसी भाषा को प्रधानता मिलेगी जिसका व्याकरण संगत होगा, जिसकी लिपि कंप्यूटर की लिपि होगी।

हालांकि हिन्दी में कंप्यूटर शब्दावली के निर्माण में प्रयास किए जा रहे हैं फिर भी अभी भी हिन्दी तकनीकी दृष्टि से पूरी तरह विकसित नहीं है। विश्व स्तर के कई साँफटवेयर में अभी तक हिन्दी का समावेश नहीं किया गया है।आज इंटरनेट की 83 प्रतिशत सामग्री अंग्रेज़ी में उपलब्ध है। भारत के लिए आवश्यक है कि इंटरनेट की प्रौद्योगिकी से अपने को जोड़े रखे और नई तकनीकी को हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में विकसित करें।

विश्व स्तर पर इस चुनौती का सामना कैसे करे हिंदी ?

              हिंदी विश्व की तीन सबसे बड़ी भाषाओं में से एक है। लगभग एक करोड़ बीस लाख भारतीय मूल के लोग विश्व के 132 देशो में बिखरे हुए हैं जिनमें आधे से अधिक हिंदी भाषा को व्यवहार में लाते हैं। गत पचास वर्षों में हिंदी की शब्द - संपदा का जितना विस्तार हुआ है उतना विश्व की शायद ही किसी भाषा में हुआ हो। विदेशों में हिंदी के पठन-पाठन और प्रचार-प्रसार का कार्य हो रहा है। दूर संचार माध्यमों, फिल्मों, गीतो, हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं आदि ने भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अपनी अहम भूमिका अदा की है।

राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती का सामना

              आज विंडोज़ प्लेटफार्म में काम करने वाले अनेक हिंदी साँफटवेयर मार्केट में उपलब्ध है, जैसे, सी-डैक का इज्म आँफिस, लीप आँफिस, अक्षर फार विंडोज़, सुविंडोज़ और आकृति आदि। हाल ही में युनिेकोड फान्ट के प्लेटफार्म पर विकसित माइक्रोसाँफट आँफिस हिन्दी में स्क्रीन का समस्त परिवेश जैसे कमान, संदेश, फाइल नाम आदि भी हिंदी में उपलब्ध है।

हिंदी में सूचना तकनीकी के प्रयोग

       भारत सरकार के नेशनल सेंटर फार सॉफ्टवेयर टेक्नालाजी इंस्टीटयूट ने सभी भारतीय भाषाओं की लिपि को कंप्यूटर पर स्थापित करने के लिए विशेष अभियान चलाया है। अमेरिकन माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने एन सी एस टी (NCST) के साथ एक संयुक्त योजना के तहत विश्व प्रसिद्ध विंडोज प्रणाली पर भारतीय-भाषाओं को विकसित करने का कार्य शुरू किया है।

              इंटरनेट सेवा के अंतर्गत ई-मेल, चेटिंग, वायस मेल, ई-ग्रीटिंग आदि बहुपयोगी क्षेत्र में हिंदी भाषा का विकास एवं संप्रेषण की संभावनाएं अधिक है। कंप्यूटर पर हिंदी भाषा ध्वनि, चित्र, एनीमेशन के सहारे विकसित की जा रही है। कई इंटरनेट साइट में प्रमुख भारतीय-भाषाओं के लिए उपयुक्त संपर्क सूत्र, ई-मेल, साँफटवेयर, आदि जानकारी उपलब्ध है जैसे:- www.rajbhasa.com

     www.indianlanguages.com

     www.hindinet.com  

              भारतीय-भाषाओं को विकसित करने हेतु सी-डैक मुंबई में इंडियन लैंग्वेज रिर्सोसेस सेंटर के तहत कंप्यूटर के क्षेत्र में अनुसंधान जारी है। अब तक हिंदी शब्दों का विशाल भण्डार हिन्दी वर्ड नेट पर विकसित किया गया है। इससे हिंदी भाषा को विश्व की प्रमुख भाषाओं के साथ जोड़ा जाएगा।

हिंदी भाषा के कुछ आंकड़े......

भारत मे पिछले वर्षों मे बोली जाने वाली हिंदी के कुछ जनसांख्यिकीय आंकड़े प्रतिशत मे इस प्रकार हैं :-

       1971-                                     36.99%
                1981-                                     38.74%
                1991-                                     39.29%
                2001-                                     51.03%
                2011-                                     59.00%
                2021-                                     65%संभावित

हिंदी मे सूचना तकनीकी के प्रयोग के माध्यम 

ब्लॉग

ई-कंटेंट

वेबसाईट

ऑनलाइन पत्रिकाएं

पीपीटी

दृश्यविस्तारक यन्त्र

अंतराकर्षण पटल

 विकिपीडिया

फ्रीलांसिंग

ऑनलाइन ट्यूशन

ऑनलाइन अनुवादन

हिंदी शब्दकोश

हिंदी कुंजीपटल

हिंदी ई-बैनर

ई-सदस्यता

ऑनलाइन अनुवादन

              सबसे महत्त्वपूर्ण है ऑनलाइन अनुवादन, इसमें इस तरह कि सेवा उपलब्ध करवाने वाली किसी भी वेबसाइट के सदस्य बनने के बाद वह व्यक्ति जो हिंदी मे निपुणता रखता हो उसे अपना प्रवीणता प्रमाण देना होता है और वह पूरी दुनिया के लोगों के लिए हिंदी अनुवादक के तौर पर औपचारिक एवं अनौपचारिक रूप से अपनी सेवायें दे सकता है |

 आवश्यक पत्रकों की उपलब्धता

राजभाषा विभाग, भारत सरकार

हम इसका प्रयोग क्यों करें?

हिंदी के वैश्वीकरण के कारण ।

राष्ट्र के सम्मान हेतु ।

हिंदी भाषा संपर्क भाषा होने के कारण।

अन्य भाषाओं के साथ प्रतियोगिता ।

अनेक वे सब कारण जिनको आप समझते हैं कि वे उचित एवं उपयुक्त हैं |

धन्यवाद !

No comments:

Post a Comment

और न जाने क्या-क्या?

 कभी गेरू से  भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ  सुहाग पूड़ा  बाँसबीट  हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता  औ...