कारगिल दिवस (26 जुलाई) को शहीदों को नमन करते
हुए कविता:
वीर
जवानों के लहू से रंगी है धरा, कारगिल
के शौर्य से गर्व है हमें प्यारा।
हिमपात
से घिरे वीरता की चोटी, खड़ी थी
वहां देशभक्ति की शिखरी।
दुश्मन
के सामने बढ़े वीर सिंह, आँखों
में चमक,
हौसले का वीर रंग।
धरती
थम गई देखकर उनका बलिदान, पूरे
राष्ट्र को जगाया उनका गर्वान।
शौर्य
और साहस का उदाहरण थे वे, कारगिल
में जिसने दिखाया सर्वोच्च बलिदान।
श्रद्धांजलि
उन्हें,
जिन्होंने दिया यह जीवन, हम उन्हें सदा याद करेंगे, नमन करते जीवन।
उनके
परिवारों को भी विनम्र श्रद्धांजलि, जिनके बलिदान ने किया नया इतिहास रचा।
कारगिल
के शहीदों को करें नमन हम, उनका
बलिदान रहेगा सदा सर्वदा यादगार।
वीरता
के जज़्बे से सजी है यह धरा, कारगिल
के शौर्य से गर्व है हमें प्यारा।
चलो
भूलें रंग-बिरंगे दिनों को, उन
शहीदों को करें नमन, बजाएं
वंदनाओं को।
उनका
सम्मान करें हम सभी एकसाथ, जागृति
फैलाएं शहीदों की अमर गाथा।
कारगिल
के शहीदों को नमन करते हैं हम, उनका
बलिदान रहेगा सदा सर्वदा यादगार।
वीर
जवानों के लहू से रंगी है धरा, कारगिल
के शौर्य से गर्व है हमें प्यारा।
नभ
पर फहराती है उनकी शान से झंडा, जवानों
का है बलिदान अमर गाथा।
नमन
है उन्हें, जो जीवन को दिया, भारत मां के लिए वीरता से लड़ा।
कारगिल
के शहीदों को करते हैं हम सलाम, उनका
बलिदान रहेगा सदा सर्वदा यादगार।
वीरता
के प्रतीक बन जाए वे सभी, उनके
बलिदान से आए राष्ट्र को नई ऊंचाइयाँ।
शान्ति
और सुरक्षा की रहे उनकी याद, कारगिल
के शौर्य से जिएं हम आबाद।
कारगिल
के शहीदों को नमन करते हैं हम, उनका
बलिदान रहेगा सदा सर्वदा यादगार।
मीता
गुप्ता
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