तुम्हारे जन्मदिन पर
हँसे हवा
हँसे फूल
हँसे पृथ्वी
जल-थल-अंतरिक्ष
हँसें सितारे
हँसे कूल
और इनके साथ साथ…
हँसो मैं
हँसो तुम
हँसे तुम्हारा दुकूल
नहो कुछ प्रतिकूल
जीवन बने अनुकूल
जो बादलों में उतर रही गगन से आकर, जो पर्वतों पर बिखर रही है सफ़ेद चादर, वही तो मैं हूँ.... वही तो मैं हूँ.... जो इन दरख्तों के सब्ज़ पत्तों पे डोलती है, जो ओस बनकर हर मौसम को खेलती है, वही तो मैं हूँ...
कभी गेरू से भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ सुहाग पूड़ा बाँसबीट हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता औ...
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