Thursday, 17 November 2022

कैसा हो ऑफ़िस का पहला दिन…???

 

कैसा हो ऑफ़िस  का पहला दिन…???



नए ऑफ़िस का पहला दिन अपने साथ घबराहट और एक्साइटमेंट, दोनों साथ लेकर आता है। नई आकांक्षाएं, जहां जमीं पर पैर रखने को तैयार नहीं होतीं, वहीं एक अनजान-सा डर दिल-ओ-दिमाग के एक कोने में घर किए बैठा रहता है। ऑफ़िस  के पहले दिन सभी नर्वस होते हैं। ऑफ़िस  का पहला दिन एक बेहतर अवसर की तरह होता है। लेकिन बहुत से लोग कई बार ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो जॉब और इमेज दोनों को हानि पंहुचा सकती हैं ।वर्क प्लेस पर कोई भी ऐसी गलती न करें जो करियर को नुकसान पहुंचाए। तो समझ नहीं आता कि कैसे ऑफ़िस  में पहले दिन अपनी धाक जमाएं?

v  ऑफ़िस  समय पर पहुंचें-कहते हैं समय की पाबंदी किसी भी काम या बिजनेस की आत्मा होती है इसलिए पहला दिन हो या आखिरी, ऑफ़िस  हमेशा समय पर ही जाएं। घर से इतना समय निकालकर चलें कि यदि ट्रैफिक में फंस जाएं तो भी आप ऑफ़िस  समय से पहले पहुंच जाएं। क्योंकि हर संस्थान में बॉस को समय के पाबंद कर्मचारी बहुत रास आते हैं। काम के बीच ब्रेक मिलने पर भी समय से अपने डेस्क पर आकर बैठ जाएं। अच्छा यह होगा कि पहले दिन आप अपनी सीट से ज़्यादा इधर-उधर ना घूमें।

v  मोबाइल का इस्तेमाल कम करें-जॉब के पहले दिन मुबारकबाद देने वालों की लंबी लाइन लगी रहती है। लेकिन ऑफ़िस में बार-बार अपने फोन के साथ व्यस्त रहना भी अच्छा नहीं है। काम के दौरान बार-बार पर्सनल फोन अटेंड करने की आदत से गलत इम्प्रेशन जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपना निजी फोन काम के दौरान बंद या सायलेंट रखें। पर्सनल फोन को लेकर हर ऑफ़िस  में अलग-अलग नियम होते हैं, इसलिए पहले उनके बारे जानें और उसके अनुसार ही कदम उठाएं।

v  पॉजिटिव एटिटय़ूड रखें-पहले दिन थोड़ा तनाव महसूस करना ज़ाहिर-सी बात है, पर इसका असर आपके व्यवहार और मिज़ाज पर नहीं दिखना चाहिए। कोशिश करें कि आपके हाव-भाव और चेहरे से आपका विश्वास और खुशी झलके। अपना सिर ऊपर रखें, सीधे बैठें और बात करने के दौरान आंखों को नचाए नहीं, आंखों में देखकर बात करें। जहां ज़रूरत  हो, वहां मुस्कराना ना भूलें।

v  होमवर्क पूरा करें-ऑफ़िस  जाने से पहले अपने कंपनी की वेबसाइट को खंगालना ना भूलें। आपकी कंपनी क्या-क्या करती है, इसके कौन-कौन से क्लायंट हैं, किन-किन देशों में इसकी शाखाएं फैली हैं, आपके बॉस आदि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। और सबसे महत्वपूर्ण अपने काम के बारे में पूरी रिसर्च कर लें। पहले दिन आपको इसकी ज़रूरत  पड़ सकती है। कंपनी और अपने काम की अच्छी जानकारी होने का एक फायदा यह भी है कि आप किसी भी तरह की नादानी करने से बच जाएंगी।      

v  चुप रहें और ज़्यादा सुनें- हो सकता है कि आपके बॉस ने आपको काम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने के लिए ही नौकरी पर रखा हो। लेकिन फिर भी इस बात को कभी ना भूलें कि ऑफ़िस  के कर्मचारी कभी भी नए व्यक्ति पर भरोसा नहीं करते और जबरन थोपा गया बदलाव मानते भी नहीं। चाहे आपके पास दुनिया के बेहतरीन आइडियाज ही क्यों ना हों, पहले दिन चुप रहने की कोशिश करें। लोगों का भरोसा जीतने के लिए सबसे अच्छा रास्ता, उन्हें सुनना है। दूसरों की बातें सुनें, उनके विचार जानें, अपने सुझावों पर उनकी राय लें। इस तरह, आपका उनके साथ अच्छा संबंध बनेगा और आप पर उनका भरोसा बढ़ेगा। अगर आप इतनी मजबूत स्थिति में नहीं हैं तो भी पहले दिन शांत रहें और दूसरे के विचारों को जानें और लोगों को समझने की कोशिश करें।

v  वर्क कल्चर को समझें-हर ऑफ़िस  में काम करने का तरीका अलग होता है। यह संभव है कि आपके पहले ऑफ़िस  की तुलना में नए ऑफ़िस  का वर्क कल्चर बिल्कुल अलग हो। इसलिए, किसी भी चीज़  को लेकर पूर्वानुमान ना लगाएं। अपने सहकर्मियों को देखें, वे एक-दूसरे से कैसा व्यवहार करते हैं इस पर गौर करें, ऑफ़िस  की कोई बात या ट्रेंड, जिसे सब मानते हों, जैसी चीज़ों को समय दें, समङों और वैसे ही व्यवहार करें।

v  जॉब प्रोफ़ाइल ना भूलें-नए ऑफ़िस के पहले दिन भी इस बात को याद रखें कि कंपनी ने आपको क्यों और किस काम के लिए रखा है। इसलिए पहले दिन से ही अपने काम पर जुट जाएं। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि आपके आचरण से किसी को यह नहीं लगना चाहिए कि आप खुद को ज़्यादा   अच्छा पेश करने की कोशिश कर रही हैं। बॉस द्वारा कहे जाने पर ही कोई काम करें।

v  मर्यादित भाषा और आचरण रखें-वैसे तो ऑफ़िस  में हमेशा ही मर्यादित भाषा और आचरण का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन बात जब पहले दिन की हो तो यह और भी अनिवार्य हो जाता है। बातचीत के दौरान गलती से भी किसी ऐसे शब्द का प्रयोग ना करें, जिसे सुनकर सामने वाला आपके बारे में नकारात्मक राय कायम कर ले। अरे यार, ओए, सुन आदि शब्द से बचना चाहिए। इसके अलावा बातों-बातों में किसी के कंधे पर हाथ रखना या पीठ पर थपकी दे देना, डस्टबिन में थूक देना आदि आपको शोभा नहीं देता। इससे आपका इम्प्रेशन खराब हो सकता है। अपनी पोशाक सादी लेकिन फैशन के अनुसार रखें। पहले दिन ना ज़्यादा मेकअप करके जाएं और ना ही भड़कीले रंग की पोशाक पहनें।

v  कॉन्फिडेंट रहें-ऑफ़िस  के पहले दिन तो थोड़ी सी घबराहट रहती है। इसलिए ज़रूरत  है कि ख़ुद को कॉन्फिडेंट रखें। घर से ही ये सोचकर जाएं कि ऑफ़िस  में जिस भी प्रोजेक्ट पर काम करने की योजना है, उसे अच्छे से पूरा करने की कोशिश करेंगे। ऑफिशियल जरूरी बातों को महत्व देंगे तो कोई गड़बड़ी नहीं होगी और कॉन्फिडेंट भी अच्छा होगा।

v  प्रोफेशनल रहें-ऑफ़िस  के पहले दिन ये बेहद जरूरी होता है कि ऑफ़िस  के लोगों से जान पहचान बढ़ाई जाए लेकिन इस बात का भी ख्याल रखें कि ज़्यादा   पर्सनल किसी के साथ न हो। कुछ लोग अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ दोनों को मिक्स कर देते हैं जिससे ऑफ़िस  में अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता। सीनियर का गाइडेंस लें-स्वाभाविक है कि ऑफ़िस  के पहले दिन ऑफ़िस  या काम के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती इसलिए पूछने में संकोच न करें। सीनियर्स का गाइडेंस ऑफ़िस  के काम और लोगों से कनेक्ट करता है। इसलिए हरपल नया सीखने की कोशिश करते रहें। हर ऑफ़िस  का अपना लंच कल्चर होता है। बेहतर होगा कि पहले दिन घर से लंच लेकर न जाएं, वहां खाने के लिए कुछ मंगा लें। कुछ ही ऐसे खुशकिस्मत होते हैं, जिन्हें केबिन में बैठकर आराम से भोजन करने का मौका मिलता है। बाकी लोग काम करते-करते खाना खाते हैं। ऐसे में ऑफ़िस  के पहले दिन नाश्ता अच्छे से कीजिए, वरना भूखे रह जाएंगे।

v  बातों में सहजता रखें-अपनी बातों में सहजता रखें। बहुत ज़्यादा बातें नहीं करनी चाहिए। बड़ी बातें इंसान को छोटा साबित करती है। यह ऑफ़िस  में अच्छा सूचक नहीं है। इसलिए अपनी बातों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें ताकि फैसले और निर्णय अच्छे साबित हो सके। नई कंपनी में जाने से पहले इस बात का ख्याल रखें कि बात करने में शब्दों का बेहतर चयन करें। बिना वजह बात और ऑफ़िस  गॉसिप्स से बचें। लेकिन जहां ज़रूरत  है वहां जरूर बोलें। हमेशा परिस्थिति के साथ समझौता और एडजस्ट करने की ज़रूरत  नहीं है। अफवाहों से बचें और जो लोग अफवाह फैला रहे हैं उनसे दूरी बनाकर रखें। अगर आपको कुछ समझ नहीं आ रहा तो मदद मांगने से हिचके नहीं। अपने काम को खराब ढंग से करने की जगह अपने सहकर्मियों से पूछें। हर कोई कंप्लीट नहीं होता इसलिए लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे ये सोचना छोड़ दें। हेल्प मांगना आपकी ताकत को दिखाएगा न की कमजोरी को। थैंक्स कहना सीखें। अगर किसी काम में किसी व्यक्ति ने आपकी मदद की है तो उसे क्रेडिट देने से घबराएं नहीं।

v  गुस्से में कंट्रोल करें-कई बार ऑफ़िस  के नए माहौल को न समझ पाने और कुछ बेसिक मिस्टेक के चलते ऑफ़िस  में दिक्कतें आ जाती हैं। ऐसे में कुछ लोग बहुत जल्दी एग्रेसिव हो जाते हैं। जो उनकी पर्सनैलिटी पर गलत इंप्रेशन डाल सकता है। ऐसे में कोशिश करें की हर चीज़ को धैर्य से समझें।

v  अपने आउटफ़िट का ध्यान रखें-किसी भी इंसान का आउटफिट यानी उसके कपड़े उसका पहला इंप्रेशन होता है। एक अच्छा आउटफिट चुनकर आप अपने बॉस और सहकर्मियों पर अच्छा इंप्रेशन जमा सकते हैं। अगर कंपनी का कोई ड्रेस कोड है तो उसे फॉलो करें लेकिन अगर आपके साथ ऐसी कोई पाबंदी नहीं है तो आउटफिट के साथ एक्सपेरिमेंट करने से घबराएं नहीं।

v  कंपनी को जानें-किसी भी नई कंपनी को ज्वॉइन करने से पहले उसकी पॉलिसी और टर्म एंड कंडिशन्स के बारे में जरूर जान लें। कहीं ऐसा न हो कि एक बार आपको उनके ऑफर को हां कहके जिंदगीभर के लिए पछताना पड़े। छुट्टियों के लिए कंपनी की क्या पॉलिसी है इस बारे में भी जरूर जान लें। अगर आप महिला हैं तो ये सुनिश्चित कर लें कि आपको भी बाकियों की तरह तरक्की करने का बराबर मौका मिले और आपको भी पुरूष सहकर्मियों के बराबर ही सैलरी मिले।विज्ञापन

v  नोट करना ज़रूरी-पहले दिन इंट्रो और मीटिंग खूब होती हैं। आप अलग-अलग लोगों से मिलते हैं, अलग-अलग काम समझते हैं। ऐसे में हर चीज़  लिखते रहिए और बराबर नोट्स लीजिए। इसका आगे चलकर आपको बहुत फायदा होगा, क्योंकि पहले दिन बताई गई तमाम चीजें आपको याद नहीं रह सकतीं, ऐसे में नोट्स काम आएंगे।

मेरा मानना है कि यदि हम ऑफ़िस के पहले दिन इन सावधानियों के प्रति सतर्क रहते हैं और ठीक प्रकार तैयारी करके ऑफ़िस जाते हैं, तो न केवल पहला दिन बल्कि हर दिन उन्नति से भरा एक सकारात्मक दिन होगा।

मीता गुप्ता  

 

 

 

No comments:

Post a Comment

और न जाने क्या-क्या?

 कभी गेरू से  भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ  सुहाग पूड़ा  बाँसबीट  हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता  औ...