परीक्षा में अच्छे अंक लाने के उपाय
परीक्षा से पूर्व या
परीक्षा के दौरान कुछ स्टूडेंट्स में विभिन प्रकार की शारीरिक ,मानसिक और व्यावहारिक समस्याओं का अनुभव का अनुभव करते है । हमारे कुछ
स्टूडेंट्स तो यह भी समझ नहीं पाते है ,की यह समस्या परीक्षा
के डर के कारण है । यदि आप सबको भी इस प्रकार की परेशानियां महसूस हो रही है तो तो संभव है कि आप भी परीक्षा
से चिंतित है ।
परीक्षा में अच्छे
मार्क्स लाने के लिए और परीक्षा की चिंता से मुक्त होने के लिए सबसे विशिष्ट मार्ग
है-परीक्षा की उत्तम तैयारी । एक अच्छी तैयरी के बिना कोई और तकनीक नहीं है ,की परीक्षा में मददगार साबित हो सके । जो भी संसाधन हमारे पास हो उसी को
लेकर समय से तैयारी करनी चाहिए । परीक्षा का दिनांक तथा समय को ध्यान में रखकर एक
टाइम टेबल के अनुसार हर एक विषय की करें ।
कैसे करें ?
प्राथमिकता के आधार पर कार्यों की सूची बनाएं –
परीक्षा के महत्त्व और
उसकी तात्कालिक जरूरत को आधार मानकर दिन प्रतिदिन के कार्यों की सूची बनाएं और उसे
प्रतिदिन पूरा करने का भरसक प्रयास करें । यदि जो कार्य आज नहीं हुआ ,उसे कल की सूची में सबसे ऊपर रखें ।
कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी रखें –
पढ़ाई से संबंधित जो
कार्य करने है उसे पूरा करने का समय निश्चित करते हुए ,खुद के साथ एक करार करें ,तो अच्छा होगा। समय सीमा
के अंदर कार्य पूरा होने पर ,उसकी उपलब्धि का परिणाम बहुत ही
अच्छा होता है ।किसी ने कहा है –“आप
अतीत को नहीं बदल सकते ,यह एक दुःखद बात है,लेकिन आप भविष्य को बदल सकते है ,यह एक सौभाग्य की
बात है”।
पाठ्यक्रम को भली-भांति जानें (Analyse Your
Syllabus):
बोर्ड एग्जाम से पहले
आपको अपने सिलेबस की पूरी जानकारी रखनी है। सिलेबस उसे कहते है जिससे जुड़े सवाल आप
से एग्जाम में पूछे जायेंगे। सिलेबस की जानकारी आपको स्कूल या फिर CBSE/State
Board के ऑफिसियल वेबसाइट से भी मिल जाती है। सिलेबस पता करने के
बाद उससे जुड़े टॉपिक्स को समझे और आसान टॉपिक्स को अलग रखे और मुश्किल टॉपिक्स को
अलग। दोनों को अलग करने के बाद आपको एक आईडिया मिल जाता है की इसे अच्छे से तैयार
करने में कितना समय लग सकता है।
समय- प्रबंधन Time Management:
समय का प्रबंधन आप अपने
हिसाब से कर सकते हो की आप किस समय कौन सा सब्जेक्ट पढ़ना चाहते हो। अपने सभी
सब्जेक्ट को रोजाना थोड़ा थोड़ा समय जरुर दे इससे आपका सभी सब्जेक्ट पर पकड़ बना
रहेगा। इस काम के लिए आप टाइम टेबल बना सकते हो जिसमे आपको यह लिखना है की किस समय
कौन सा सब्जेक्ट पढ़ना है, मेरे हिसाब से आप उस सब्जेक्ट को ज़्यादा समय दें, जिसमें आपकी पकड़ अच्छी न हो और साथ में
दूसरे सब्जेक्ट को थोड़ा-थोड़ा समय दें ।
स्वाध्याय (Self Study):
बहुत से लोगों को अपने
से ज़्यादा इंस्टिट्यूट/कोचिंग पर भरोसा होता है और यह सोचना बिलकुल गलत है कि आप
बिना इंस्टिट्यूट/कोचिंग के कुछ नही कर सकते। आपको कभी भी अपने इंस्टिट्यूट/कोचिंग
के भरोसे नहीं बैठना चाहिए ज़्यादा से ज़्यादा कोशिश करें कि आप चीज़ों को खुद समझें ।
सेल्फ स्टडी भी बहुत ज़रुरी है इंस्टिट्यूट/कोचिंग से ज़्यादा समय आपको सेल्फ स्टडी
में देना चाहिए।
एन सी आर टी
की पुस्तकें सबसे अच्छी (NCERT is Best):
एन सी आर टी बुक्स आपकी
हमेशा पहली पसंद होनी चाहिए| यह उन बच्चों के लिए है,जो NCERT
से ज़्यादा किसी और रिफरेन्स
बुक पर समय देते है। रिफरेन्स बुक उनके लिए बनाया गया है जो चीज़ों का गहराई से समझना चाहते है या फिर उनके लिए जो 12th
के बाद किसी एंट्रेंस एग्जाम में बैठना चाहते है। लेकिन आपके
जानकारी के लिए मैं बताना चाहूँगा 12th के बाद जितने भी
एंट्रेंस एग्जाम होते है सभी का मुख्या जड़ एन सी आर टी ही है इसी के टॉपिक से सवाल
पूछे जाते है। यदि आप 12th में अच्छी परसेंटेज लाना चाहते है तो किसी दुसरे बुक के
मुकाबले एन सी आर टी पर ध्यान दीजिए ।
कुछ विश्राम
भी आवश्यक (Get Some Break):
बहुत से लोगों की यह
मानसिकता होती है की अगर वह ज़्यादा घंटे
पढ़ते हैं, तो ज़्यादा संभावना है एग्जाम में टॉप करने के लिए। लेकिन
यह बात बिलकुल गलत है क्योंकि लगातार 5-6 घंटे पढ़ने
से आपका दिमाग चीज़ों को समझने के बाद भी उसे बाद में भूल जाता है। लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती जिस वजह से उनका समय
भी काफी बर्बाद हो जाता है। अगर आप रोजाना 5-6 घंटे पढ़ने की
सोच रहे हैं, तो यह काफी अच्छी बात है। लेकिन इसके लिए आपको लगातार पढ़ने की कोई ज़रुरत
नहीं है| हर 1-2 घंटे में 10 मिनट का
ब्रेक जरुर लेना चाहिए। ब्रेक में थोड़ा घूम सकते हो, घर के
सदस्यों से बात कर सकते हो, म्यूजिक सुन सकते हो, कोई पसंदीदा गेम खेल सकते हो। कहने का मतलब ही की ब्रेक में आप 10 मिनट अपने पसंद का काम कर सकते हो।
याद करने का
काम सुबह को करें (Learning in Morning):
हमें याद करने वाले सभी
सब्जेक्ट को हमेशा सुबह के समय लगभग 5 AM के आसपास
पढ़ना चाहिए। ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूँ क्यूंकि इस समय आपकी नींद पूरी होती है और
आपका दिमाग भी बिलकुल तरोताज़ा महसूस होता है। जिस कारण आप जो भी याद करते हैं, तो
वे चीजें जल्दी याद हो जाती है और उन्हें आप जल्दी भूलते भी नही।
पाठ्यक्रम को
यथाशीघ्र पूरा कर लें (Finish Syllabus As Soon As Possible):
आपको पूरी कोशिश करनी
चाहिए की आपका सिलेबस जल्दी से जल्दी ख़तम हो जाए । सिलेबस जल्दी ख़तम होने से यह फ़ायदा
होगा कि आपके पास अभी काफी समय बचेगा उन
पढ़े हुए टॉपिक्स को दोबारा पढ़ने का। जब आप उन टॉपिक्स को दोबारा पढ़ते हो तो वो
आपको और अच्छे से समझ आ जाती है जिससे एग्जाम के समय आप चीजें नहीं भूलते।
पहले समझें,
फिर याद करें (First Understand Then Learn):
जब आप किसी चीज़ को पढ़ते हो तब उसका मतलब न पता हो, तो वह चीज़ पढने
का कोई फ़ायदा नही। कभी चीज़ों को बिना समझे याद करने की कोशिश न करें, ऐसा कर
के आपको वो चीज़ याद तो हो जाएगी, लेकिन उसे आप जल्दी ही भूल जाओगे। अगर नही भूलते
तो सवाल अगर एग्जाम के दौरान थोड़ा घुमा फिरा कर पूछ लिया गया तो आप जवाब नही दे
पाओगे, इसलिए चीज़ों को पहले समझो फिर याद
करो।
रोज़ाना पढ़ने
की आदत डालें (Revise Daily):
यह समस्या हर किसी
स्टूडेंट की होती है कि वह जो भी याद करते है जल्दी भूल जाते है। इसका सबसे बड़ा
कारण है की वह पढ़ी हुई चीज़ें दोबारा नहीं पढ़ते अगर एक बार पढ़ लिया फिर उसे एग्जाम
के समय ही पढ़ते है। यह गलती बहुत से स्टूडेंट करते है जिस वजह से एग्जाम के समय
ठीक से कुछ भी ध्यान में नहीं रहता। इसका सबसे अच्छा उपाय है की आप रोज़ाना रिवीजन
करने की आदत डालें । अगर आप आज कुछ पढ़ते हो तो उसे कल भी कुछ समय निकल कर एक बार
नज़र डाल लेना चाहिए। आप फिर एक हफ्ते बाद उसी टॉपिक को फिर से पढ़े इससे होगा यह की
आप उस टॉपिक को जल्दी नहीं भूलते हो।
गत वर्षों के
प्रश्नपत्रों को हल करें Solve Previous Year Papers:
एग्जाम के सवाल किस
पैटर्न में पूछा जाएगा, किस तरह का सवाल पूछा जाएगा,
सबसे ज़्यादा किस टॉपिक से सवाल आते है, सबसे ज़्यादा
कौन सा सवाल पूछा जाता है, सबसे ज़्यादा किस सब्जेक्ट से सवाल
पूछा जाता है? इन सभी प्रश्न के उत्तर सैंपल पेपर में मिल जाएंगे।
आपको सैंपल पेपर ज़्यादा से ज़्यादा हल करने
चाहिए, मेरे हिसाब से पिछले 5 साल के सैंपल पेपर तो जरुर
पढ़े।
कैसे दें परीक्षा की तैयारी को अंतिम रूप –
जैसे-जैसे परीक्षा समीप
आती है ,तो उसको मन में लेकर भय बढ़ने लगता है । ऐसे हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए । यदि आपने पूर्व ही अपनी समय सारणी
के अनुसर अपना पाठ्यक्रम परीक्षा से पहले पूरा कर लिया है, तो
चिंता करने की जरूरत नहीं है । परीक्षा से पहले खुद को संतुलित और शांति बनाए रखने
की जरूरत है ।किसी ने कहा है – “लक्ष्य को ही अपना जीवन
कार्य समझो,उसी का चिंतन करो
,उसी का स्वप्न देखो”
1 । समय
(Time) : पढ़ाई के समय को लेकर अक्सर स्टूडेंट चितित रहते
है कि दिन में कितने घंटे पढ़ना
चाहिए। बोर्ड की परीक्षा के टॉपर
स्टूडेंट से बात करने से पता चला कि ‘अधिकतम 4 से 5 घण्टे वे पढ़ते है। लेकिन जो भी पढ़ाई वे करते है , रेगुलर
और पूरी ईमानदारी के साथ करते है।’ लगातार
कई घंटे पढ़ाई नही करना चाहिए| पढ़ते समय कुछ अंतराल के बाद गैप ले लेना चाहिए
या कुछ समय के लिये म्यूजिक भी सुना जा
सकता है , ऐसा करने से स्ट्रेस अपने ऊपर हावी नही होता। विषय जल्दी याद हो जाता है ।
2।नोट्स
(Notes) : रोज़ाना पढ़ते समय नोट्स बनाना
परीक्षा (examination) के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
परीक्षा के समय revision रिवीजन करने में भी काफी सहायता मिलती है। नोट्स को ज़्यादा लंबे नहीं बनाने चाहिए। इसके साथ ही क्लास के
नोट्स भी एग्जामिनेशन में बहुत काम आते
है। ये नोट्स जल्दी याद भी हो जाते है ।
3।आत्म-
मूल्यांकन (Self Evaluation): परीक्षा के एक महीने पहले से
अनसाल्वड क्वेश्चन पेपर (Question Paper) कम से कम पिछले 5 वर्षो का, समय को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए ।
इससे छात्र अपना मूल्यांकन स्वयं कर
सकेंगे। अपनी कमियो को दूर करके अच्छे नंबर
( marks) लाये जा
सकते है ।
4।कोटेशन
( quotations) : कम्पटीशन इतना अधिक बढ़ गया है कि
उत्तर ऐसा होना चाहिए जो सामान्य से हटकर
हो अतः प्रश्नों का उत्तरः देते समय कोटेशन का
प्रयोग करना नंबर बढ़ाने के लिये बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है, विशेषतौर पर भाषा में । साथ ही ग्राफ
और डाटा के जरिए भी नंबरों को बढ़ाया जा
सकता है।
5।बेसिक
कांसेप्ट (Basic Concept) : जो भी विषय आप
पढ़ रहे हो उसका बेसिक कांसेप्ट होना बहुत जरूरी है। बेसिक कांसेप्ट ही स्टडी का
मुख्य आधार होता है। जिस प्रकार नींव के बिना घर का निर्माण नही होता उसी प्रकार
बेसिक कांसेप्ट के बिना हम विषय को समझ ही नही सकते। सिर्फ उत्तर याद कर लेना ही
काफी नही होता अच्छे नंबर लाने के लिये उस विषय की समझ होना बहुत जरूरी है । इसके लिए मास्टर-कार्ड्स का उपयोग किया जा
सकता है|
6।प्रश्नों
के अनुरूप उत्तर देना (To The Point) : कुछ स्टूडेंट
परीक्षा मे पूछे गए प्रश्नो को नोटबुक मे पन्नों के हिसाब से उत्तर देते है यानी वे
ये सोचते है कि जितने पेज ज़्यादा लिखेगें
नंबर उतने ही ज़्यादा मिलेंगे ,यह सोचना एक भ्रम मात्र है। जैसा प्रश्न मे पूछा जाए, उसी के अनुरूप ही
उत्तर देना ज़्यादा बेहतर होता है ।अंकों के आधार पर शब्द-सीमा तय करें|
7।मार्गदर्शक
(Guide ) : पढ़ते समय यदि
किसी प्रकार का डाउट हो तो उसे
अपने टीचर से क्लियर कर लेना बेहतर होता है। यदि
टीचर न मिल पाये तो , पेरेंट्स या फैमिली मेम्बर से, जो
भी उस विषय पर, जिसकी पकड़ मज़बूत हो उससे सहायता लेने मे
हिचकिचाना नही चाहिए । आज तो गूगल (Google)
के माध्यम से भी किसी भी
विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते
है और अपने समस्याओं का हल जान सकते है। कई ऐसी ऑनलाइन साइट्स है जो
स्टडी करते समय काफी सहायक सिद्ध होती है, पर इनका प्रयोग सावधानीपूर्वक
करें ।
8।परीक्षा
के दौरान (Examination Time): परीक्षा के समय पूरी नींद लेना आवश्यक है, मैंने देखा कि अधिकतर स्टूडेंट रात रात भर जाग कर पढ़ते है लेकिन
इससे थकान महसूस होती है और वे स्ट्रेस में रहते है , उनको कम से कम 6 से 7 घण्टे सोना चाहिए । परीक्षा के
एक घण्टे पूर्व पढ़ाई से उठ जाना चाहिए,
परीक्षा के दौरान खाली पेट नही रहना चाहिए, हल्की डाइट लेनी चाहिए । एग्जामिनेशन हाल मे 10-15 मिनट पहले पहुँच जाना बेहतर होता है साथ ही अपने विषय
का मनन करना चाहिए ।
हमेशा पॉजिटिव सोच रखे ,निगेटिवटी को अपने अंदर पनपने ही न दे फिर जब तैयारी प्रीपरेशन पूरी है तो एग्जामिनेशन से
डरना क्या ? आपने पूरी ईमानदारी से मेहनत की है, तो सफलता अवश्य मिलेगी ।
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