Friday, 31 March 2023

सोशल मीडिया पैसा कमाने का ज़रिया भी...

 

सोशल मीडिया पैसा कमाने का ज़रिया भी...



 

सोशल मीडिया का प्रयोग आज समस्त संसार भर में सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है और यह निरंतर बढ़ रहा है। मासिक सक्रिय उपभोक्ता के मामले में भारत फेसबुक के लिए दुनिया में नंबर एक देश बन गया है| ‘वी आर सोशल’ द्वारा 2017 डिजिटल ईयरबुक के सर्वे से आप देख सकते हैं कि दुनिया भर में एक्टिव सोशल मीडिया यूजर्स पहले से ही 3 बिलियन यूजर्स को छूने वाले हैं और कोरोना-काल के बाद इसमें भारी उछाल दिखने को मिला है| ज़रा सोचिए कि सोशल का मार्केट कितना बड़ा है! आपको बस इतना करना है कि इस मार्केट का प्रभावी ढंग से दोहन करना है। एक बात सदैव याद रखें कि सोशल मीडिया का प्राथमिक उद्देश्य सामाजिक संबंध बनाना है, लेकिन इसका अर्थ बिलकुल भी नहीं है कि आप इसका इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए नहीं कर सकते।

लगभग डेढ़ दशक पूर्व इंटरनेट की दुनिया में एक नई क्रांति हुई, एक नया मीडिया का आविष्कार हुआ, जिसे ‘सोशल मीडिया’ नाम दिया गया। सोशल मीडिया का मूल मंत्र लोगों को एक-दूसरे से जोड़ना है। पेन फ्रेंड से ईमेल के दौर में पहुंचे समाज को सोशल मीडिया ने कुछ ही पलों में जुड़ने और बातचीत करने का मौक़ा दिया। उत्कृष्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में शामिल हैं: फेसबुक, यूट्यूब, टिकटॉक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन,चैट जी पी टी आदि। सोशल मीडिया की प्रसिद्धि यूं बढ़ी कि किसी ने पुराना यार खोजा तो किसी ने पुराना प्यार...जहां लोग हैं, वहां प्यार है और व्यापार भी। सोशल मीडिया जो शुरू में जुड़ने का माध्यम था, विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम था, वह अब विज्ञापन एवं व्यापार को बढ़ाने का बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। यहां व्यापार का अर्थ विशुद्ध रूप से व्यापार ही न समझा जाए, बात हर उस संभावना की है जहां किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग किया जा रहा है। मिसाल के तौर पर, राजनेताओं को देखिए, उनके लिए सोशल मीडिया जनता तक अपनी बात पहुंचाने से लेकर अपनी एक विशेष छवि बनाने का माध्यम है। मेरे जैसे कई लेखक सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने पाठकों तक पहुंचने के लिए कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर आप किस उद्देश्य से हैं और इसका इस्तेमाल किसलिए करना चाहते हैं? यदि यह सिर्फ़ अपने मित्रों से जुड़े रहने को है तो आपको ज़्यादा कुछ नहीं करना, किंतु यदि आप नेटवर्किंग करना चाहते हैं, पर्सनल ब्रांडिंग करना चाहते हैं, अपने व्यापार के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना होगा।

तो, सोशल मीडिया से पैसे कैसे कमाएं?

सोशल मीडिया से पैसे कमाने के कई तरीके हैं, और सभी तरीकों में निरंतरता और कड़ी मेहनत लगती है। हम कहेंगे कि जब भारत में सोशल मीडिया से पैसे कमाने की बात आती है तो कड़ी मेहनत करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है निरंतरता। आज हम उन सभी लोकप्रिय तरीकों के बारे में बात कर रहे हैं, जो आपके सोशल मीडिया गेम को अगले स्तर तक ले जाने में आपकी मदद कर सकते हैं और सोशल मीडिया से पैसे कमा सकते हैं। सोशल मीडिया से पैसे कमाने के लिए आप बस एक कंप्यूटर, स्मार्टफोन और एक अच्छी इंटरनेट एक्सेस का उपयोग कर सकते हैं। शोध से पता चलता है कि एक औसत व्यक्ति प्रतिदिन औसतन लगभग 2 घंटे सोशल मीडिया पर बिताता है और कुछ लोग तो इससे भी अधिक सोशल मीडिया के व्यसनी हैं। यहां, हम सोशल मीडिया के दीवानों की निंदा नहीं कर रहे हैं क्योंकि आप अपनी शौक (लत) को पैसे में बदल सकते हैं, है ना? यह तभी होगा जब आप उसी समर्पण का उपयोग करते हैं जिसका उपयोग आप स्क्रॉलिंग में जानबूझकर पैसा कमाने के लिए करते हैं।

सबसे पहलेचाहिए एक रणनीति

किसी भी सफल काम के लिए रणनीति की आवश्यकता होती है। सोशल मीडिया एक दुधारी तलवार है और इसका उचित इस्तेमाल आपको नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। इसकी रणनीति बनाने के लिए तीन महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखनी चाहिए–

·       आपकी टारगेट ऑडियंस

·       सही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का चुनाव

·       एंगेज करने वाला कंटेंट।

ऑडियंस को पहचानें-इस दुनिया में हम सभी किसी न किसी की ऑडियंस हैं। सोशल मीडिया पर भी यह सत्य लागू होता है। ब्यूटी प्रॉडक्टस के लिए महिलाएं ऑडियंस हैं, तो शेविंग ग्रूमिंग प्रॉडक्ट के लिए पुरुष। ये ऑडियंस सिर्फ़ लिंग के आधार पर नहीं बांटे जाते| इन्हें उम्र, स्थान, शिक्षा, आय, रुचि, राजनैतिक विचार एवं कई अन्य आधार पर आगे और बांटा जाता है। आपकी ऑडियंस कौन है? क्या आप उसे पहचानते हैं? कई बार लोग कहते हैं कि मैं तो अपने विचार प्रकट करता हूं, मेरी बात हर किसी के लिए है। एक लेखक कह सकता है कि कोई भी जो पढ़ सकता हो वह मेरी ऑडियंस है। यह पूर्ण सत्य नहीं है। आप पर्सनल ब्रांडिंग करें, किताब प्रमोट करें या व्यापार बढ़ाना चाहें, हर हाल में आपका ख़ास वर्ग आपकी टारगेट ऑडियंस होगी। उदाहरण के लिए, मेरी किताबें हर हिंदी पाठक पढ़ सकता है लेकिन उसका कंटेंट एक ख़ास आयु वर्ग एवं कुछ ख़ास तरह की किताबें पढ़ने वाले को अधिक आकर्षित करने वाला है। यह आयु वर्ग ही मेरी ऑडियंस है और सोशल मीडिया पर मैं काफ़ी कुछ इन्हें आकर्षित करने के लिए लिखता हूं। अगर हम दुपहिया वाहन की बात करें तो हर कोई इसे चला सकता है लेकिन आप नोटिस करेंगे कि स्कूटर और मोटरसाइकल के विज्ञापन एक वर्ग के लिए होते हैं। इनमें भी अलग-अलग ब्रांड के मोटरसाइकल एक ख़ास वर्ग को आकर्षित करते हैं, जैसे कोई पेट्रोल की बचत की बात करता है तो कोई सिर्फ़ पॉवर की। आप समझ सकते हैं कि कितनी आमदनी वाला एवं कौन-सा आयु वर्ग इनकी ऑडियंस है। आप भी अपनी ऑडियंस तय करें।

उपयुक्त मंच चुनें-उचित प्लेटफॉर्म का चुनाव तभी हो सकता है, जब आपको अपनी टारगेट ऑडियंस पता हो। आपको यह पता हो कि वह किस प्लेटफॉर्म पर है और क्यों है? सोशल मीडिया कई प्रकार के हैं लेकिन हमारे देश में चार बहुप्रचलित माध्यम हैं। इनमें से एक आपको अपने वीडियो बनाकर डालने की अनुमति देता है, तो वहीं एक माध्यम आपको सिर्फ़ तस्वीरों से अपनी बात कहने की सुविधा देता है। एक माध्यम आपको अपनी बात सिर्फ़ 240 शब्दों में करने की अनुमति देता है तो एक आपको पूरा निबंध लिख देने की अनुमति देता है। फोटो और वीडियो इन दोनों माध्यमों पर भी चलते हैं| आपको सभी माध्यमों का चुनाव करना है या एक-दो माध्यमों पर ही ध्यान देना है, यह व्यवसाय और उद्देश्य पर निर्भर करता है। मसलन, मीडिया इंडस्ट्री इन सभी माध्यमों का उपयोग करती है, वह 240 शब्दों में कोई ब्रेकिंग न्यूज़ देती है तो पूरा बुलेटिन वीडियो के माध्यम से पहुंचाती है। एक लेखक अपने विचारों को विस्तार से लोगों तक पहुंचाना चाहता है तो उसके लिए माध्यम वह होगा जहां निबंध जैसा लिखने का ऑप्शन मिले।

यह है सबसे अहम-सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति को एक मूलमंत्र याद रखना है - कंटेंट इज़ द किंग! ये सभी प्लेटफॉर्म आपको अपनी बात अलग-अलग रूप में रखने का मौक़ा देते हैं। यदि आप पर्सनल ब्रांडिंग करना चाहते हैं, अपनी कंपनी या प्रॉडक्ट की एक ख़ास छवि बनाना चाहते हैं या आप कुछ बेचना चाहते हैं तो आपको अपना कंटेंट उसी तरीक़े से तैयार करना होगा। यह कंटेंट लिखित रूप से लेकर फोटो, वीडियो के रूप में भी हो सकता है। आपको अपने प्रॉडक्ट या अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कंटेंट इन सभी रूपों में या संबंधित रूपों में तैयार करना है और उसे चुने हुए प्लेटफॉर्म्स पर डाल देना है। सोशल मीडिया पर अच्छे एवं बुरे कंटेंट की भीड़ में अपने कंटेंट की तरफ़ ध्यानाकर्षण करवाना ही सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। सोशल मीडिया इंडस्ट्री का सबसे महत्वपूर्ण शब्द है – एंगेजमेंट। इसका अर्थ हुआ कि कितने लोगों ने आपके कंटेंट में रुचि ली। क्या वे आपकी पोस्ट पर रुके, देखा और प्रतिक्रिया दी? सोशल मीडिया के लिए जो कंटेंट बने कि पहले तो लोग उसे देखने रुकें और जब रुकें तो प्रतिक्रिया देकर जाएं।

अपना प्रदर्शन और गुणवत्ता को मापें- डिजिटल की दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत बात यह है कि यहां आपके हर एक्शन पर हुए रिएक्शन काे आप माप सकते हैं। अपने सोशल मीडिया चैनल का विश्लेषण लगातार करें, देखें कैसा एंगेजमेंट आ रहा है। फॉलोअर बढ़ रहे हैं या नहीं। इस एनालिटिक्स से आप जान पाएंगे कि किस तरह का कंटेंट आपके ऑडियंस को पसंद आ रहा है। कहां एंगेजमेंट गिर रहा है। किस समय आपकी ऑडियंस सबसे ज़्यादा सोशल मीडिया पर होती है। इन सारी सूचनाओं के बाद आप अपनी ज़रूरत अनुसार सोशल मीडिया की रणनीति को जारी रखें या बदलें।

अंत में एक ज़रूरी बात-सोशल मीडिया पर्सनल ब्रांडिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण माध्यम है। आप कंपनी हों या एक व्यक्ति- एक ख़ास बात का ध्यान रखनी है कि आपका कंटेंट लोगों को जितना अधिक छुएगा, लोग आपसे जुड़ेंगे। लोग फेक को पहचान लेते हैं, आपके कंटेंट में ईमानदारी होनी आवश्यक है और यही ईमानदारी आपको आपकी ऑडियंस से जोड़ेगी।

कैसे करें अपने सोशल नेटवर्क का विस्तार?

फॉलोअर कैसे बढ़ाएं?

आप कहेंगे ज्ञान तो सारा दिया मगर फॉलोअर कैसे आएंगे? जवाब है– कंटेंट। कंटेंट ऐसा हो कि उसे लोग शेयर करें। पोस्ट का शेयर होना हमेशा आपको नए फॉलोअर देगा। आप अपने कंटेंट के लिए क्रॉस-प्रमोशन टाई-अप कर सकते हैं जिससे आपको नए फॉलोअर मिलें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी पेंसिल बनाने की कंपनी है तो इरेज़र बनाने वाले या नोटबुक बनाने वाले से टाई-अप करें।

पेड प्रमोशन का विकल्प-सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपको अपने पोस्ट/पेज को विज्ञापन के ज़रिए प्रमोट करने देते हैं। मेरी नज़र में इस उपाय को तभी अपनाएं जब आपको जल्दी टारगेट पूरा करना हो या आपके पास बजट काफ़ी हो। ऐसा इसलिए कि आप एक बार विज्ञापन चलाएंगे तो आपकी पोस्ट की ऑर्गेनिक रीच कम हो जाएगी। ऑर्गेनिक रीच उस स्थिति को कहते हैं, जहां ऑडियंस अपने आप पोस्ट पर आई।

कैसे कमाएं पैसे?

1.        सोशल मीडिया यूजर्स के लिए मोनिटाइज़ेशन का अवसर पैदा करता है।

2.        ब्रांड पार्टनरशिप्स। एक कंटेंट निर्माता के रूप में, आप अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडों के साथ पार्टनरशिप कर सकते हैं|

3.        विज्ञापन, प्रभावशाली मार्केटिंग और विभिन्न प्रकार की पेड पार्टनरशिप के लिए आदर्श प्लेटफार्म

4.        नई कंपनियों और प्रोडक्ट्स के लिए महत्वपूर्ण

5.        इन्फ्लुएंसर्स (निर्माताओं) को अपने उत्पाद और प्रचार कंटेंट को अपने कंटेंट के भीतर रखने और इसे अपने ऑडियंस के लिए प्रचारित करने के लिए ब्रांडों द्वारा भुगतान करने की अनुमति

6.        अन्य सुविधाएं जैसे लाइव स्ट्रीम पर दान बैज, रील्स में एड मॉनिटाइज़ेशन, फैन मेम्बरशिप्स

7.        अद्भुत कविताएँ, लघु कथाएँ और विभिन्न प्रकार की कंटेंट लिखकर पैसे कमाएं

8.        अपनी किताब बेचें

9.        एक प्रोग्राम बनाएं जहां आपके शीर्ष प्रशंसकों को आपके साथ लाइव आने के लिए भुगतान करना होगा

10.     अपने पेज पर किसी के काम की समीक्षा करने और उसका प्रचार करने के लिए पैसे पाएं

11.     एक छोटा सा पेड-कोर्स बनाएं और इसे अपने लिंक में बेचें

12.     एफिलिएट मार्केटिंग, संक्षेप में, अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट्स (जैसे एमेजॉन। कॉम आदि) को बढ़ावा देकर

13.     यदि आप सोशल मीडिया कम्युनिटीज के निर्माण में अच्छे हैं और सोशल मीडिया विज्ञापनों का उपयोग करके एफिलिएट प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे सकते हैं (बस याद रखें कि आपके विज्ञापन की लागत आपके द्वारा अर्जित धन से कम है) तो आप एक अच्छी रकम कमा सकते हैं

14.     आप डिजिटल और फिजिकल के साथ अपने खुद के प्रोडक्‍ट भी बना सकते हैं। हालांकि मैं डिजिटल प्रोडक्ट्स (जैसे ई-बुक्स, कोर्स, आदि) से शुरुआत करने की सलाह दूंगी क्योंकि प्रोडक्ट्स को विकसित करने के लिए शुरुआत में उन्हें बनाना और प्रमोट करना और कम राशि लेना आसान होता है। उदाहरण के लिए, आप अपनी ईबुक को अमेज़ॅन किंडल या क्लिक बैंक पर लिस्‍टेड कर सकते हैं और फिर विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों पर अपनी ईबुक के लिंक को प्रमोट कर सकते हैं। और एक बार जब सेल्‍स शुरू हो जाती है, तो आपको भुगतान एकत्र करने के अलावा कुछ नहीं करना होता है (डिजिटल प्रोडक्ट होने के नाते, आप इसे कई बार बेच सकते हैं!)

15.     यदि आपने सीधे सोशल मीडिया पर बेचने का फैसला किया है, तो आपको शिपिंग, कस्टमर केयर, लॉजिस्टिक्स आदि का ध्यान रखना होगा, जबकि अन्य ई-कॉमर्स स्टोर के साथ, वे इन पहलुओं का ध्यान रखते हैं।

16.     कोलैबरेट और ब्रांडों के साथ सशुल्क कंटेंट बनाने, अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने, या अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडों के साथ कोलैबरेट करना और काम करना

अगर आप सोशल मीडिया पर हर दिन घंटों बस स्क्रॉल करते रह जाते हैं तो निश्चित ही आप एक बड़ी संभावना को यूं ही जाने दे रहे हैं। इस मीडिया के विभिन्न मंच आपको अपनी और अपने कामकाज की ब्रांडिंग का प्रभावी और असीमित अवसर देते हैं– वह भी मुफ़्त...!

 

मीता गुप्ता

 

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