Thursday, 9 June 2022

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन!

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन!




 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,

जिसमें खुद का साथ हो,

बस खुद से ही बात हो,

चाहे दिन या रात हो,

कैसे भी हालात हों !

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,

लफ्जों पर हो कई सवाल,

यह दुनिया है या माया का जाल?

क्या पाया क्या खोया इस साल?

खुद से पूछें खुद का हाल!

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,

पूछें, कितना प्यार खुद से किया?

कितना दर्द गैरों को दिया?

कितना खुलकर है जिया?

कितनों का है हक लिया?

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,

आईने के सामने बैठें एक बार,

थोड़ी देर के लिए छोड़ें श्रृंगार,

जाने कैसे हैं हमारे आचार विचार?

क्या बाकी है हम में शिष्टाचार?

 

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,

जानें, खुद को क्या है गम?

किसे ढूंढते हैं हम हरदम?

क्या सही चल रहे हैं हमारे कदम?

कैसा महसूस कर रहे हैं हम?

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,पूछें

क्या हमसे यह जमाना है?

जहां हर कोई बेगाना है,

बस धन दौलत ही कमाना है,

और इस दुनिया से एक दिन खाली हाथ जाना है!

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,पूछें

कितनों के हमने घर बसाऐ?

कितनों के घर हमने जलाए?

इंसान बनके हम इस धरती पे आए,

इंसानियत के नाते, क्या हम कुछ कर पाए?

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन,

खुद को थोड़ा नज़दीक से जानें,

खुद को सबसे ज़्यादा पहचानें,

व्यस्त होने के ना करें बहाने,

खुद से मिले हुए जमाने!

 

चलो निकालें हफ़्ते में एक दिन!

चलो निकालें हफ़्ते में बस एक दिन...!!

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