Wednesday, 20 March 2024

आभार

 

जिन्होंने मुझे
स्नेह दिया
उनका हृदयतल से
आभार,
जो बहे
मेरी भावनाओं में
और जिन्होंने
समय दिया
उनका भी आभार,
उम्र यूँ ही गुज़र जाएगी
बीता हुआ
यह एक पल
सदा याद आएगा ,
बीते हुए पलों को
जब दर्पण में
देखती हूँ
रंग बिरंगी सा
एक इंद्रधनुष उभर कर आता है,
कहीं लाल

कहीं हरा

कहीं बैंगनी

कहीं नीला

मेरी मुट्ठी में

समाता जाता है,
इसलिए तो कहती हूं आभार

आभार...आभार...आभार

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