उत्तम प्रदेश-उत्तर
प्रदेश हूँ मैं
हां जी, उत्तम प्रदेश-उत्तर प्रदेश हूँ मैं
त्रेता में श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या हूँ मैं
द्वापर में श्रीकृष्ण की तपोभूमि मथुरा हूँ मैं
बाबा विश्वनाथ की काशी, तीर्थराज प्रयागराज हूँ मैं
सात अजूबों में आगरा का ताजमहल हूँ मैं।।
उत्तर में हिमालय दक्षिण में विंध्य हूँ मैं
मध्य गंगा यमुना शस्य श्यामला हूँ मैं
यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज फतेहपुर सीकरी हूँ मैं
पुरा पाषाणिक अस्थिनिर्मित स्त्री बेलन घाटी हूँ मैं
हड़प्पा का पूर्वी छोर आलमगीरपुर हूँ मैं||
बुद्ध का प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ हूँ मैं,
तो महापरिनिर्वाण कुशीनारा हूँ मैं
अशोक स्तंभ सिंह चतुर्मुख
सारनाथ हूँ मैं
तो नेपोलियन समुद्र गुप्त का प्रयाग प्रशस्ति हूँ
देवगढ़ का दशावतार मंदिर व कन्नौज हूँ मैं।।
रामानंद का वैष्णववाद हूँ मैं
कबीर का सर्वधर्म एकात्मवाद हूँ मैं
साहित्य में तुलसी,सूर,कबीर की भूमि हूँ
मैं
प्रेमचंद,पंत निराला फिराक, वसीम, शकील हूँ मैं
तो आगरा किला,फतेहपुर सीकरी हूँ मैं।।
बंगाल प्रेसीडेंसी,अवध से भी विख्यात हूँ मैं
मेरठ की क्रांति,चौरी चौरा भी हूँ मैं
महामना,टंडन जी का राष्ट्रवाद हूँ मैं
सरोजिनी,पंत,गढ़वाल,कुमाऊँ उत्तराखंड हूँ मैं
कला शिल्प लखनऊ की चिकनकारी
हूँ मैं।।
भदोही का कालीन, पीतल मुरादाबादी हूँ मैं
बर्तन खुर्जा के,फिरोजाबादी कांच रंगीन हूँ मैं
गंगा उत्सव, बटेश्वर, कैलाश,रामनगरिया मेला हूँ मैं
बिठूर कानपुर गंगा घाट, हरि शरण हूँ मैं
आज़ाद, बिस्मिल, रोहेला की ललकार हूँ मैं||
वाल्मीकि की कठिन-स्थिर प्रतिज्ञ तपस्या हूँ मैं
तुलसीदास का ध्वनित रामचरितमानस हूँ मैं
सुभद्रा-महादेवी-प्रसाद- निराला-सरोज हूँ
मैं
लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे की भीषण ललकार हूँ मैं
कहीं केवट का मान,कहीं महाभारत का विनाश हूँ मैं।।
गंगा-यमुना-सरस्वती का पावन धाम हूँ मैं
सभी प्रदेशों से न्यारा-प्यारा-दुलारा
हूँ मैं
बुद्ध के ज्ञान से
अभिसिंचित-सुशोभित हूँ मैं
गन्ने-चावल-फल-सब्ज़ियां की
सुरभि हूँ मैं
ग्राम-देवता की सुनहरी बाली
वाली स्वेद-बूंदें हूँ मैं।।
द्वारा- डॉ मीता गुप्ता
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