कनपुरिया गजोधर भैया.. कहाँ तुम चले गए....??
राजू
श्रीवास्तव ने हंसी, सलीकेदार हास्य और
सकारात्मकता के साथ हमारे जीवन को रोशन किया। वे हमें बहुत जल्द छोड़ गए, लेकिन वे सालों तक अपने गरिमापूर्ण हास-परिहास की बदौलत अनगिनत लोगों के
दिलों में जीवित रहेंगे। राजू श्रीवास्तव को हम बहुत बड़े कॉमेडियन के रूप में
जानते हैं। इन्होंने ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ टीवी शो से अपने करियर की
शुरुआत की थी। राजू श्रीवास्तव का जन्म 24 दिसंबर 1963 को उत्तर प्रदेश के कानपुर ज़िले
में हुआ था। इनकी मृत्यु 21 सितंबर 2022 को हुई। 10 अगस्त 2022 को राजू श्रीवास्तव
को ब्लॉकेज की समस्या हो गई थी। हॉस्पिटल में 41 दिन तक चल रहे इलाज के दौरान इनका
देहांत हो गया।
बचपन
से ही हास्यपूर्ण व्यक्तित्व के कारण इनकी रूचि हास्य कलाकारी में थी, इनका आम आदमी और रोज़मर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर किए गए व्यंग्य लोगों को
बहुत प्रभावित करते रहे हैं। वर्तमान समय में राजू श्रीवास्तव एक कॉमेडियन के रूप
में एक प्रचलित कलाकार हैं। राजू बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। बचपन
से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था, जिस वजह से अपनी प्रारंभिक
पढ़ाई पूरी करने के बाद वे मुंबई आ गए। उनका प्रारंभिक जीवन बहुत ही संघर्ष भरा
रहा है। राजू बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते है उनके पिता एक साधारण
व्यापारी थे अपने भाई के साथ मिलकर उनके पिता व्यापार को आगे चलाते है। राजू बचपन
से ही फिल्मों में और टीवी में काम करना चाहते थे अपने हास्य व्यक्तित्व के जरिए
वे बड़ी आसानी से लोगों का दिल जीत लेते थे।मुंबई में राजू श्रीवास्तव ने अमिताभ
बच्चन की मिमिक्री (हांय) करके शोहरत पाई। इसके बाद अलग-अलग हास्य शो में उन्होंने
काम किया। ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’में काम करने पर उन्हें भारत भर में प्रसिद्धि
हासिल हुई। इस शो में उन्होंने आम आदमी के जीवन में आने वाली छोटी-छोटी परेशानियों
पर व्यंग्य किया, ऐसा व्यंग्य,जिसमें कनपुरिया मिट्टी की सुगंध थी, जिसके बाद हर
घर में वे एक लोकप्रिय कॉमेडियन बन गए। धीरे-धीरे उन्होंने बहुत सारे बॉलीवुड
फिल्मों में भी कॉमेडियन के रूप में काम किया और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के दौरान उनके नाम को स्वच्छ भारत के मोर्चे को
भारत भर में प्रचलित करने के लिए नामांकित किया गया था। उन्हें बिग बॉस 3 में
बुलाया गया। 2 महीने तक बिग बॉस में रहने के बाद वे आउट हुए। इसके अलावा 1988 में
तेज़ाब फिल्म के साथ उन्होंने बॉलीवुड में काम करना शुरू किया, जिसके बाद जर्नी
बॉम्बे टो गोवा, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, द ब्रदर्स, जैसी कुछ फिल्मों में एक कॉमेडियन कलाकार
के रूप में नज़र आए, परंतु उनका मन तो स्टेज शो या स्टैंड-अप कॉमेडी में ही रमता।
उनका
कैरियर बहुत ही उतार-चढ़ाव भरा रहा है उन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो बहुत ही
छोटे कामों से की थी, मगर धीरे-धीरे अपनी अद्भुत कला की वजह से भारत भर में लोग
उनके हुनर की कद्र करने लगे। राजू श्रीवास्तव ने अपने करियर की शुरुआत मिमिक्री से
की थी जहां अलग-अलग थिएटर में वे अमिताभ बच्चन के मिमिक्री करते थे। इसके बाद
उन्होंने अलग-अलग कॉमेडी शो में भाग लिया कुछ के ऑडिशन में उन्हें छोड़ दिया गया
तो कहीं शो में हार गए। मगर उन्होंने भारत के सबसे प्रचलित धारावाहिक में काम किया,
जिनमें ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज के अलावा कॉमेडी का महाकुंभ, कॉमेडी सर्कस और शक्तिमान शामिल है।
उनका
आम आदमी की जद्दोजहद पर आधारित संघर्ष पर किया जाने वाला व्यंग्य ने भारत हर के आम आदमी के घरों में उनके नाम को
प्रचलित बना दिया। इसके बाद राजू श्रीवास्तव अपने कॉमेडी के शो अलग-अलग जगह पर
रखने लगे लोग उन्हें पैसे देकर कॉमेडी करने के लिए बुलाते थे। राजू श्रीवास्तव
धीरे-धीरे इतने प्रचलित हो गए कि लोग उन्हें लाफ्टर-किंग कहने लगे।
आज राजू
श्रीवास्तव हमारे बीच नहीं हैं,किंतु उनकी आम आदमी की छवि, उनकी सादगी,चेहरे का
भोलापन, बोलती-सी आँखें, खुशनुमा अंदाज, दर्शकों से जुड़ती आवाज़ (जिसका श्रेय
उन्होंने सदा अमिताभ बच्चन को दिया), और न जाने क्या.. क्या.. ? सब पूछ रहे हैं.. कनपुरिया
गजोधर भैया.. कहाँ तुम चले गए....??
मीता गुप्ता
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