Saturday, 23 December 2023

क्रिसमस का त्योहार: शांति और सद्भावना का प्रतीक

क्रिसमस का त्योहार: शांति और सद्भावना का प्रतीक 

क्रिसमस एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह यीशुइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन यीशु मसीह (जीसस क्राइस्ट) का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। क्रिसमस के पहले वाली रात में गिरजाघरों में प्रार्थना सभा की जाती है, जो रात के 12 बजे तक चलती है। अगली सुबह चर्च में होने वाली प्रार्थना के बाद, लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं और शुभकामनाएं देते हैं।
क्रिसमस शांति का संदेश लाता है। पवित्र शास्त्र में यीशु को शांति का राजकुमार कहा गया है। यीशु हमेशा अभिवादन के रूप में कहते थे कि शांति तुम्हारे साथ हो, शांति के बिना किसी का अस्तित्व संभव नहीं है। घृणा, संघर्ष, हिंसा और युद्ध का धर्म को इस धर्म में कोई जगह नहीं दी गई है। शायद यही वजह है कि क्रिसमस किसी एक देश या राष्ट्र में नहीं, बल्कि दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस के दौरान यीशु मसीह की प्रशंसा में लोग कैरोल गाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री से सजाते हैं। घर के हर एक कोने को रोशन कर देते हैं। इस दिन के अवसर पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं और एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियों को साझा करते हैं।
क्रिसमस के दिन लोग चर्च में जाकर विशेष प्रार्थनाएं करते हैं और यीशु मसीह के जन्म के अवसर पर उनकी महत्ता को याद करते हैं। क्रिसमस का त्योहार सामाजिक एकता, सद्भावना, दानशीलता, और प्रेम की भावना को बढ़ाता है और लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और मिलने के लिए प्रोत्साहित करता है।यह दिन खुशी, प्रेम, समर्पण, और दान के भाव से मनाया जाता है।
क्रिसमस का त्योहार क्रिसमस ट्री और सेंटा क्लॉज  के साथ जुड़ा हुआ है। क्रिसमस ट्री एक विशेष पेड़ को संकेतित करता है, जिसे क्रिसमस के अवसर पर घरों में सजाया जाता है। इस पर रंग-बिरंगे लाइट्स, गहरे रंग के गोलियां, शीशे, और विभिन्न सजावटी सामग्री जैसे कि तार, झूमर, गुब्बारे, इत्यादि लगाए जाते हैं। यह परंपरागत रूप से जर्मनी से उद्भूत है, लेकिन आजकल यह दुनिया भर में मान्यता प्राप्त किया है। क्रिसमस ट्री को विशेष रूप से क्रिसमस इव  पर सजाया जाता है। सेंटा क्लॉज एक प्रसिद्ध पारंपरिक चरित्र है, जो बच्चों के लिए खुशी और उपहार लाने वाला दिव्य व्यक्ति होता है। उन्हें लाल वस्त्रों, सफेद दाढ़ी, और ढेर सारे उपहारों की बोरी लेकर चित्रित किया जाता है। यह पौराणिक कथाओं और क्रिसमस की कहानियों का हिस्सा है। क्रिसमस ट्री और सेंटा क्लॉज क्रिसमस के त्योहार को रोशनी, आनंद, और उत्साह के साथ मनाने में मदद करते हैं और इसे और भी रंगीन बनाते हैं।
क्रिसमस के अवसर पर हमें इतिहास के पन्नों पर दृष्टि डालनी होगी। 2000 साल पहले, पैलेस्टाइन के एक अव्यस्त गाँव के अस्तबल में, एक बच्चे का जन्म हुआ। आज पूरा संसार यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मना रहा है, और उनके जीवन ने इतिहास का मार्ग बदल दिया। यीशु मसीह का परमेश्वर से सम्बंध इतना गहरा था कि उसने कहा कि उसे जानना प्रभु को जानना था, उसे देखना प्रभु को देखना था, उसपर विश्वास करना प्रभु पर विश्वास करना था, उसे ग्रहण करना प्रभु को ग्रहण करना था, उससे बैर रखना प्रभु से बैर रखना था और उसका आदर करना प्रभु का आदर करना था।
यीशु के जीवन अद्वितीय नैतिक चरित्र व उनकी जीवन शैली इस तरह की थी कि वह अपने शत्रुओं को अपने प्रश्नों द्वारा चुनौती दे सकते थे, “तुम में से कौन मुझे पापी ठहरा सकता है?”उन्हें चुप्पी मिली (कोई कुछ ना बोल सका)।

यीशु मसीह  जीवन को उद्देश्य और दिशा देते हैं। “जगत की ज्योति मैं हूँ,” वह कहते हैं। “जो मेरे पीछे हो लेगा वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।”कई लोग सामान्य रूप से जीवन के उद्देश्य, और विशेष रूप से अपने स्वयं के जीवन के बारे में, अंधेरे में हैं। ऐसा महसूस होता है जैसे की वो अपने जीवन में बत्ती जलाने वाला स्विच खोज रहे हैं। जो कोई भी अंधेरे में, या किसी अपरिचित कमरे में रहा है, वह असुरक्षा की भावना के बारे में बहुत अच्छे से जनता है। लेकिन, जब बत्ती जलती है, तो एक सुरक्षा की भावना होती है। ठीक ऐसे ही महसूस होता है जब हम अंधेरे से, यीशु मसीह की ज्योति में कदम रखते हैं।
आप यीशु के साथ एक घनिष्ट संबंध इसी समय स्थापित कर सकते हैं। आप पृथ्वी पर, इस जीवन में परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जान सकते हैं, और मरने के बाद अनंत काल में। यहाँ परमेश्वर का वायदा है, जो उसने हमसे किया है: “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उसपर विश्वास करे, उसका नाश न हो, परन्तु वह अनन्त जीवन पाए।” यीशु ने हमारे पापों को, क्रूस पर, अपने ऊपर ले लिया। हमारे पापों के लिए उन्होंने दंड स्वीकार किया, ताकि हमारे पाप उनके और हमारे बीच में दीवार न बन सकें। क्योंकि उन्होंने हमारे पापों का पूरा भुगतान किया, वह हमें पूर्ण क्षमा और अपने साथ एक रिश्ता प्रदान करते हैं। यीशु ने कहा, “देख, मैं [तेरे हृदय के] द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके घर में प्रवेश करूँगा…।



मीता गुप्ता

No comments:

Post a Comment

और न जाने क्या-क्या?

 कभी गेरू से  भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ  सुहाग पूड़ा  बाँसबीट  हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता  औ...