Monday, 12 April 2021

तुम्हारी मुस्कान



 तुम्हारी मुस्कान

लगती है ठंड में

उज्ज्वल धूप की तरह

और प्रकाशित करती है

हृदय के हर कोण को ।


तुम्हारी निश्छल मुस्कान

भुला देती है संबधों की परिभाषा

परिचय का आदान-प्रदान

यहाँ तक कि नाम भी,भाषाओं के भेद भी,


बनी रहनी चाहिए

तुम्हारी यह पवित्र निश्छल मुस्कान

जीवन के इस वसंत से

अनंत तक

बनी रहे यूँ ही सदा

तुम्हारी यह पवित्र निश्छल मुस्कान

जीवन के इस वसंत से

अनंत तक


यह पवित्र निश्छल स्नेहिल मुस्कान ।


KATE

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