कोरोना योद्धाओं को सलाम
बंद हैं
बाज़ार ,
सड़कें हैं
सूनसान,
हो गई है
दुनिया वीरान
डर रहे हैं
हम निकलने में घर से बाहर
पर वे...
डर रहे हैं
घर जाने से और
छूने से अपने
बच्चों को
जोखिम में
डाल जान अपनी
कर रहे हैं
दिन - रात एक
करने के
लिए रक्षा हमारी
कहाँ है उन्हें
आराम ?
अपनी
नींदें उड़ा दीं
अपनी भूखे
मिटा दीं
इच्छाओं को
त्याग कर
सह कर दुख
और बाधा
छिपा कर
अपने दिल का दर्द
कर रहे हैं
मानवता की सेवा
देश सेवा
धर्म समझ कर
रहे हैं
लड़ कोरोना से
हौंसले से
अपने
रहे हैं
ज़िन्दगियाँ बचा
जान से खेल
कर अपने
लड़ रहे
हैं जंग
कोरोना के
खिलाफ़
इस युद्ध
में..
रहे हैं
निभा महत्वपूर्ण भूमिका
करते हैं
प्रकट हम
सभी
योद्धाओं का हृदय से आभार.. आभार.. आभार
नायकों के
इन इरादों को सलाम,
क्या इससे बड़ा
देशभक्ति का
हो सकता है
कोई नाम ?
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