Friday, 11 June 2021

असफलता का सामना कैसे करें ?

AMRIT VICHAR 11.06.2021

असफलता का सामना कैसे करें ?

किसी कार्य की सफलता या असफलता, तय किए गए लक्ष्य और हमारे द्वारा किए गए या किए जा रहे प्रयास के आधार पर तय होती है। प्रयास अच्छा होगा और पूरी जी जान से किया गया होगा, तो सफलता निश्चित है। अन्यथा हमें और प्रयास करने की ज़रूरत है। सफलता हेतु चाणक्य द्वारा कही गई बातें वर्तमान में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं,जितनी वे तत्कालीन समाज के लिए सटीक थीं। चाणक्य नीति ग्रंथ के छठे अध्याय के 16वें श्लोक में एक श्लोक कहा गया है, जो सफलता के लिए एक मूलमंत्र है। इस मंत्र को अगर आत्मसात किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है-

प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।

सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥

श्लोक का अर्थ है -जिस प्रकार शेर एकाग्रता के साथ झपट्टा मारकर पूरी ताकत के साथ अपना शिकार करता है और उसकी सफलता निश्चित होती है। ठीक उसी प्रकार हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लक्ष्य पर ध्यान केंद्र‍ित कर पूरी मेहनत के साथ प्रयत्न करना चाहिए। काम चाहे छोटा हो या बड़ा हो, हमें पूरी ताकत लगाकर ही करना चाहिए, तभी कामयाबी पक्की हो जाती है।

असफलता के कई कारण होते हैं, जैसे-खतरा उठाने से बचना,लगातार कोशिश की कमी, फ़ौरन इच्छा पूरी करने की चाह,प्राथमिकताएं तय न करना, शॉर्टकट की तलाश में रहना ,स्वार्थ और लालच में लिप्त रहना,दृढ़ विश्वास की कमी, योजना बनाने और तैयारी करने की अनिच्छा,बहाने बनाना,पिछली गलतियों से सीख न लेना,अवसर को न पहचान पाना,हार जाने का डर या भय, अपनी प्रतिभा को न पहचानना,अनुशासन की कमी,आत्मसम्मान की कमी, आलस, परिश्रम से बचना,ज्ञान की कमी,भाग्यवादी नज़रिया,लक्ष्य निर्धारित न करना, साहस की कमी आदि । तो आपने देखा कि असफल होने के पीछे कई कारण छुपे हुए होते हैं। यहाँ यह भी समझना होगा कि ये कारण न तो एक दिन में पनपते हैं और न ही एक दिन में मिटते हैं । ये वर्षों तक बर्फ़ की सिल्ली की भांति जमते जाते हैं और हमारी सोच, दृष्टिकोण, नज़रिया धीरे-धीरे ठंडा, निर्जीव और ठोस करते जाते हैं ।

सफल लोग चमत्कार घटित होने या कोई काम आसानी से हो जाने की आशा नहीं करते। वे रुकावट पर काबू पाने की हिम्मत और ताकत हासिल करते हैं। वे इस पर ध्यान नहीं देते कि उन्होंने क्या गँवा दिया है, बल्कि इस पर ध्यान देते हैं कि उनके पास क्या बचा हुआ है। इच्छाएँ साकार नहीं होती, पर दृढ़ विश्वास पर टिके हुए भरोसे और उम्मीदें पूरी हो जाती है। प्रार्थनाएं भी तभी स्वीकार होती है, जब साहस के साथ काम भी किया जाए। साहस और चरित्र, इन दोनों का मेल कामयाबी हासिल करने का एक अहम नुस्खा है। आम और खास लोगों के बीच यही फर्क होता है।

वैसे तो असफलता के कारण कई हो सकते हैं।तो दोस्तों ऐसा क्या करें कि सफलता हमारे कदम चूमें ?हमारा मन जब साहस से बड़ा होता है, तो हम अपने डर को भूल जाते हैं और रास्ते की रुकावट पर काबू पा लेते हैं। साहस का मतलब डर का ना होना नहीं, बल्कि डर को जीतना है। विज्ञापन में कहा भी जाता है-डर के आगे जीत है ।जीवन में सफलता हासिल करने के लिए कुछ मंत्र हैं, जिन्हें अपनाकर हम पर्वत के समान दिखने वाले कार्य को सहजता से पूर्ण कर सकते हैं । आप अपने आस-पास देखिए, आपको अनेक ऐसे लोग दिखाई देंगे, जिन्होंने कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और दूरदृष्टि से जीवन में सफलता प्राप्त की है । फिर आपको प्रेरित होने लिए अरुणिमा सिन्हा या स्टीफ़न हॉकिंग जैसे उदाहरणों की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रोशनी के लिए तो मिट्टी का लघु-दीप ही काफ़ी होता है । 

जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आप हारने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के लिए खेलें, अपनी और दूसरों की गलतियों का विश्लेषण करें और उनसे सीखें, सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों से संपर्क रखें, क्योंकि इससे उनकी सकारात्मक ऊर्जा आपको ऊर्जावान बनाए रखेगी,बिना कुछ दिए, कुछ पाने की उम्मीद ना रखें यानी समय, प्रयास,मेहनत आदि जब आप निवेश करेंगे, तभी सफलता की उम्मीद की जा सकती है, हमेशा दूर की सोचें, दूर की सोचने से हम सही योजना बनाकर कार्य पूरा कर सकते हैं, बिना योजना के जीवन निष्फल ही रहता है,अपने मजबूत पहलुओं को जानें और उनकी बुनियाद पर अपना विकास करें, अक्सर लोग अपनी खूबियों के बारे में जानते ही नहीं हैं, फ़ैसला लेते समय हमेशा हालात की व्यापक तस्वीर को ध्यान में रखें, घोड़े की तरह सिर्फ़ सड़क ही न देखें, अपनी सच्चाई, अपनी अच्छाई, अपने नैतिक मूल्यों के साथ कभी समझौता ना करें, एक बार समझौता कर लिया, तो फिर पतन के गड्ढे की थाह नहीं मिलती, खुद के लिए समय निकालें, हम सबसे बातें करते हैं, कभी खुद से बात करके तो देखिए, जीवन में शॉर्टकट जैसा कुछ होता नहीं है, केवल कंटकों से भरी डाली पर ही गुलाब खिलता है, तनाव से दूर रहें, तनाव आपकी कार्य-क्षमता को कम करता है,जब परिस्थति कठिन हो, तो धीरज रखिए, हमेशा अपने जीवन के प्रति आभार की भावना रखें, क्योंकि जीवन अमूल्य होता है और अंत में,सोशल मीडिया में झूठी खुशी न तलाशें, वह एक आभासी दुनिया है, जहाँ लोग सिर्फ़ अपना सकारात्मक चेहरा ही दिखाते हैं, जो सच्चाई से बहुत दूर होता है,असल ज़िंदगी में प्रेरणा ढूँढें। इसीलिए कहा गया है-

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम

संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम

कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ।

दरअसल,असफलता ही सफलता के मूल में निहित है, क्योंकि सफलता प्राप्त करने से पूर्व सभी असफलता का स्वाद तो चखते ही हैं ,तो फिर असफलता से डरना कैसा ? असफलता के बारे में बहुत कुछ कहा जा सकता है क्योंकि यह सफलता से ज़्यादा दिलचस्प होती है और सफलता का मार्ग होती है । मंज़िल का आनंद अपनी जगह है, पर सफ़र का मज़ा तो कुछ और ही होता है । असफलता हमें सिखाती है तथा मज़बूत करती है, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है ।असफलता हमें बताती है कि सफल होने के लिए क्या करना है ? क्या नहीं करना है ? असफलता है, तभी तो हमें सफलता की अहमियत पता चलती है । यह कितने जतन के बाद प्राप्त होगी ? असफलता ही सफलता का आधार है, जिस पर सफलता की बुनियाद निर्मित होती है।सफलता परिणाम है ,जिसमें असफलता का अतीत छुपा है ,क्योंकि सफलता की शत -प्रतिशत गारंटी हर कार्य में हो, यह आवश्यक नहीं यानी हर कार्य में असफलता छुपी होती है। परंतु असफलता ऐसी घटना है, जिसमें अनुभव का खज़ाना छुपा हुआ है और यही खज़ाना सफलता का सार-तत्व होता है

दुनिया के सबसे सफल लोग निराशा और अफलता का सामना करने के बाद ही सफल हुए हैं, फिर भी हम असफलता से क्यों डरते हैं?मैं आपको बताना चाहती हूँ की असफलता अंतिम नहीं होती। असफलता हमें आईना दिखाती है, अपनी कमज़ोरियों का एहसास कराती हैं। वो हमें ऐसे पाठ पढ़ाती है, जो हम सफल होकर कभी नहीं सीख सकते। परमेश्‍वर से बुद्धि और साहस मांगिए, स्वयं पर भरोसा रखिए, यकीन मानिए, असफलता आपके पास से गुज़रने से भी घबराएगी ।

-मीता गुप्ता, हिंदी प्रवक्ता, केवि,पूरे, बरेली


 

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