Sunday, 6 February 2022

हर नया मौसम नई संभावना ले आएगा

 हर नया मौसम नई संभावना ले आएगा



हर नया मौसम नई संभावना ले आएगा
जो भी झोंका आएगा, ताज़ा हवा ले आएगा
और कब तक धूप में तपती रहेंगी बस्तियाँ
बीत जाएगी उमस, सावन घटा ले आएगा
सूखी-सूखी पत्तियों से यह निराशा किसलिए
टहनियों पर पेड़ हर पत्ता नया नया ले आएगा
यह भी सच है बढ़ रहा है घुप अँधेरा रात का
यह भी सच है वक़्त हर जुगनू नया ले आएगा
रास्ते तो इक बहाना है मुसाफ़िर के लिए
लक्ष्य तक ले जाएगा तो हौसला ले आएगा

No comments:

Post a Comment

और न जाने क्या-क्या?

 कभी गेरू से  भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ  सुहाग पूड़ा  बाँसबीट  हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता  औ...