Friday, 11 February 2022

मेरा वोट, मेरा अधिकार !

मेरा वोट, मेरा अधिकार !
 


भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां देश की संप्रभुता यहां के नागरिकों में निहित है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में वहां के नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार होता है, जिस कार्य को वे अपने मत देकर पूर्ण करते हैं। किसी भी देश को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने एवं वहां की शासन-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक मज़बूत सरकार का होना अति आवश्यक है। अतः किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में मताधिकार का बहुत महत्व है। एक सुव्यवस्थित लोकतंत्र के निर्माण में देश के नागरिकों अर्थात मतदाताओं की अहम भूमिका होती है। अतः प्रत्येक भारतीय को अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग जरूर ही करना चाहिए और ऐसी सरकारें चुननी चाहिए, जो कि सांप्रदायिकता और जातिवाद से ऊपर उठकर देश अथवा प्रदेश के बहुमुखी विकास के बारे में सोचें। जिस दिन देश का मतदाता जाग जाएगा, उस दिन देश से जातिवाद, ऊंच-नीच, सांप्रदायिक भेदभाव खत्म हो जाएगा। ये सिर्फ़ और सिर्फ़ संभव है- हमारे और आपके महत्वपूर्ण मतदान से !
भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार देता है, इस अधिकार का प्रयोग हम सभी को अपना संवैधानिक कर्तव्य मानते हुए पूरा करना चाहिए। लोकतंत्र के इस महापर्व पर सभी लोग अपने घरों से बाहर निकलें और अपने मताधिकार का ज़रूर प्रयोग करें। हर एक वोटर का फर्ज बनता है कि वह अपने वोट की ताकत को समझे और लोकतंत्रीय राज को मज़बूत करे और बिना किसी लालच डर और भय से अपनी वोट का प्रयोग करके एक ईमानदार, शक्तिशाली, प्रगतिशील और विकासशील सरकार बनाने में अपना अहम योगदान दे। 
समाज को नई दिशा देने के लिए हमें अच्छी सरकार को चुनना होगा। लोकतंत्र की खूबसूरती मतदान ही है। इसी से सशक्त और मनचाही सरकार बनती है। ऐसे में मतदान करना बहुत ज़रूरी है और वह भी सोच-समझकर। 14 फ़रवरी को विधानसभा चुनाव में सभी ज़रूर मतदान करें। कई लोग यह सोचकर वोट डालने नहीं जाते हैं कि हमें चुनाव से क्या लेना देना है। मेरे एक वोट से क्या होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें चुनाव में पूरी दिलचस्पी दिखानी चाहिए। हर वोटर को इस बात को ध्यान में रखकर वोट देना चाहिए कि कौन प्रत्याशी और सरकार हमारे समाज, राज्य और देश के लिए अच्छी है। कौन आम जनता के मुद्दों पर बात करता है। ऐसे में जनता सोच-समझकर मतदान करे।
बिना भय के करें मतदान 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान। मतदान । अन्य मतदाताओं से वोट डालने की अपील करें। फ‌र्स्ट टाइम वोटर से भी अपील है कि वे खुद तो मतदान करें ही, साथ ही अपने दोस्तों को भी इसके लिए प्रेरित करें। 18 साल की उम्र वाले नौजवान वोटर, जिन्होंने पहली बार अपने वोट के हक का इस्तेमाल करना है, वे अपने वोट की कीमत समझें। दिव्यांग और बुज़ुर्ग वोटर भी अपने वोट के हक का इस्तेमाल करते हैं, उनसे प्रेरणा लें।
चुनाव में वोट देना गणतंत्र में यज्ञ की तरह है, जहां हर एक वोट आहुति के समान है। यह आयोजन हम सभी भारतवासियों को अपने देश के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है कि हर एक वोट ज़रूरी है और हर वयस्क नागरिक के लिए मतदान करना जरूरी है। लोकतंत्र के प्रतीक भारतीय संविधान में स्वतंत्र चुनाव आयोग व चुनाव प्रक्रिया की अवधारणा समानता व स्वतंत्रता के अधिकार के साथ हर व्यक्ति के वोट को महत्त्वपूर्ण बनाती है और इसी वजह से भारतीय लोकतंत्र संपूर्ण विश्व में अपनी परिपक्वता व स्थिरता के लिए जाना जाता है। इसका सारा श्रेय भारतीय मतदाता को जाता है। और मतदाता को यह शक्ति दी है हमारे संविधान ने। विश्व के विकसित देशों ने अपने देश के मतदाताओं पर भरोसा करने में वर्षों लगाए, वहां कई आंदोलन किए गए, लेकिन हमारे संविधान ने एक ही बार में वयस्क मताधिकार लागू कर देश के मतदाताओं में भरोसा व्यक्त किया। इसके लिए हम सब देश के निवासी आज संविधान निर्माताओं के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
भारत की राजनैतिक व्यवस्था एवं प्रत्येक आम चुनाव में भारतीय मतदाताओं ने हमारे संविधान निर्माताओं के इस भरोसे को हमेशा मज़बूत किया। निर्वाचन आयोग ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। चुनाव आयोग की समावेशी योजना से Voter turn out के साथ-साथ मतदाता के विश्वास को और अधिक मज़बूती मिली है। इसी कारण आज भारतीय निर्वाचन आयोग की पूरे विश्व में साख बनी है। आज ई-प्लेटफार्म के माध्यम से मतदाता शिक्षा हेतु की गई पहल से भारतीय चुनाव आयोग की पहचान वैश्विक स्तर पर कायम है। निरंतर व्यापक सुधार की दिशा में मतदाता पहचान पत्र भी एक क्रांतिकारी कदम है। तकनीक का उपयोग कर प्रत्येक मतदाता को मतदाता पहचान पत्र प्रदान करना भारत जैसे बड़े लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर है।
युवा वर्ग ने सदैव आगे आकर देश के नेतृत्व में अपना हाथ बंटाया है, अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन किया है। हर स्तर पर उनका प्रतिनिधित्व हो, जो देश को सही दिशा में ले जाने वाला हो। इसके लिए अपने समाज को जागरुक और सावधान बनाने का ज़िम्मा हर एक युवा को लेना होगा। वे जितना निजी जीवन में सावधानी से चीज़ों का चुनाव करते हैं, उतनी ही सावधानी उन्हें अपने प्रतिनिधि का चुनाव बरतनी है । सभी वरिष्ठ नागरिकों से भी आग्रह है कि वे अपने वोट के ज़रिए अपने अनुभव से अपनी पसंद और नापसंद प्रकट करें एवं युवावर्ग को सही रास्ता दिखाने की ज़िम्मेदारी लें।
अंत में यही कहना चाहूंगी कि 14 फ़रवरी को अपनी पसंद ज़ाहिर करने के लिए वोट देने घरों से निकलें और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी सक्रिय और महती भूमिका निभाएं।
जय हिंद!
जय भारत!
 
मीता गुप्ता


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