Friday, 1 August 2025

हम-तुम होंगे एक धारा

  

तेरी मुस्कान में उजियारा,

तेरे स्पर्श में मधुर सहारा।

जीवनपथ पर संग तुम्हारा,

सुख-दुख सब एक हो जाए हमारा।

 

प्रेम हमारा दीपक बनकर,

हर अँधियारा दूर करेगा।

विश्वास की नींव पर खड़ा यह,

बंधन अमिट, अटल रहेगा।

 

ले हाथ थाम जब भी डगमग,

आशा का संचार कराना।

जीवन के अंतिम क्षण तक भी,

संग-साथ निभाते जाना।

 

प्रण करता हूँ हृदय की गहराई से,

तुम संग रहूँगा सदा।

जीवन के इस अनमोल सफ़र में,

हम-तुम होंगे एक धारा।  

No comments:

Post a Comment

और न जाने क्या-क्या?

 कभी गेरू से  भीत पर लिख देती हो, शुभ लाभ  सुहाग पूड़ा  बाँसबीट  हारिल सुग्गा डोली कहार कनिया वर पान सुपारी मछली पानी साज सिंघोरा होई माता  औ...