हिंदी ई-टूल्स
भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है।
और मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान
प्रदान एवं उन्हें संग्रहित करता है। सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से
विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। 21वीं शताब्दी में सूचना और
संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति में
ज्ञान के द्वार खोल दिए हैं। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के
सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रसर हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य के रूप
में ई-कॉमर्स और इंटरनेट के द्वारा भेजना ई-मेल द्वारा संभव हुआ है। ऑनलाइन सरकारी
कामकाज विषयक ही प्रशासन ई-बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाइन, शिक्षा सामग्री के लिए ई-एजुकेशन/ ई-लर्निंग
आदि माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के
बहुआयामी उपयोग के कारण विकास के नए द्वार खुल रहे हैं। भारत में सूचना
प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न
प्रयोगों का अनुसंधान कर के विकास की गति को बढ़ाया गया है। कोविड काल में इसकी गति
और भी तेज़ हो गई।
सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आंकड़े (डेटा) तथा ज्ञान का आदान-प्रदान
मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, व्यावसायिक तथा अन्य बहुत से
क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास दिखाई पड़ता है। सीबीएसई ने ए आई को कक्षा-10
में छठे अनिवार्य विषय के रूप में लगाने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रॉनिक
तथा डिजिटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर नई प्रयोग हो रहे हैं। आज
उदारतावाद के इस दौर में वैश्विक ग्राम की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण ही
सफल हुई है। इस नए युग में ई-कॉमर्स,ई-मेडिसन,ई-एजुकेशन,ई-गवर्नेंस,ई-बैंकिंग,ई-शॉपिंग आदि इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का
विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतीक बन गई है। कंप्यूटर-युग
के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना-समाज में प्रवेश कर
रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की इस अपूर्व देन से हमारे ज्ञान में वृद्धि हुई
है एवं आज इनका सार्थक उपयोग करते हुए उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है।
यह विकासित होने वाला नया क्षेत्र है, इसलिए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र
में आई क्रांति दूसरी औद्योगिक क्रांति के समान महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आधुनिक
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में इलेक्ट्रॉनिकी का महत्वपूर्ण स्थान है। इसे अंतरिक्ष, संचार, रक्षा, कृषि, विनिर्माण, मनोरंजन, रोज़गार-सृजन तथा राष्ट्रीय
प्राथमिकताओं को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है। यदि राजभाषा हिंदी
को सम्मान देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है, तो यह जन-जन तक दूरस्थ क्षेत्रों में
किए जा रहे विकास कार्यों में भी जनभागीदारी को बढ़ा सकेगी। सूचना प्रौद्योगिकी
में हिंदी का उपयोग करके इसको विश्वव्यापी स्तर पर अपनी भूमिका निभाने योग्य भी
बनाया जा सकता है और राजभाषा से राष्ट्रभाषा का महत्वपूर्ण सफ़र को पूरा किया जा
सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी में हिंदी का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसमें
विस्तार की असीम संभावनाएं हैं और इसे उचित महत्व देकर हम अपनी आस्था को भी
सुनिश्चित करते हैं। इसी कड़ी में राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय द्वारा भरसक प्रयत्न
किए जा रहे हैं, जैसे कि राजभाषा को बढ़ावा देने के लिए बहुत से टूल्स एवं सॉफ्टवेयर
राजभाषा विभाग द्वारा विकसित किए गए हैं-
हिंदी में ईटूल्स का प्रयोग-
यूनिकोड को सक्रिय करना-
कंप्यूटर पर हिंदी के प्रयोग के लिए
पहली आवश्यकता यूनिकोड को सक्रिय करने की होती है। यूनिकोड एंड कोडिंग को सक्रिय
करते ही कंप्यूटर किसी भी भाषा में काम करने के लिए सक्षम हो जाता है।
कुंजीपटल/कीबोर्ड के विकल्प-
यूनिकोड को सक्रिय करने के बाद अपनी
आवश्यकता के अनुसार कीबोर्ड के विकल्प का चयन कर उसे इंस्टॉल करना होता है।
मुख्यतः इसमें तीन विकल्प होते हैं-
1.इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड
2.रेमिंगटन कीबोर्ड
3.फोनेटिक कीबोर्ड
इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड मानक कीबोर्ड है तथा यह
सभी ऑपरेटिंग सिस्टम्स- विंडोज, लोनिक्स,बोस,मैकबुक आदि में पहले से ही उपलब्ध है।
इसे भारतीय भाषाओं के लिए यूनिवर्सल कीबोर्ड भी कहा जा सकता है। इनस्क्रिप्ट
कीबोर्ड पर किसी एक भारतीय भाषा की टाइपिंग सीख लेने के बाद किसी भी भारतीय भाषा
की टाइपिंग की जा सकती है क्योंकि सभी भारतीय भाषाओं के लिए इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड
एक समान है। भाषा इंडिया पर इंडिक स्क्रिप्ट ट्यूटर नाम से सॉफ्टवेयर
उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट सीखा जा सकता है। हिंदी
इनस्क्रिप्ट टाइपिंग सीखने के लिए टीडीआईएल (Technology
Development for Indian Languages ) के हिंदी इनस्क्रिप्ट टाइपिंग ट्यूटर
डाउनलोड किया जा सकता है।
हिंदी फॉन्ट में केवल यूनिकोड समर्थित
फॉन्ट का ही प्रयोग अधिकृत है। इससे फाइलों के लेन-देन में समस्या नहीं होती है।
माइक्रोसॉफ्ट तथा एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम वाले डिवाइस में पहले से ही यूनिकोड
मंगल सहित कई देवनागरी यूनिकोड फोंट उपलब्ध है। अतिरिक्त इसके यूनिकोड समर्थित फोंट
आईएलडीसी से डाउनलोड किए जा सकते हैं। कंप्यूटर पर हिंदी के प्रयोग के लिए अन्य
अनेक अन्य टूल्स भी उपलब्ध हैं।
फ़ोनेटिक टूल्स-
केवल अंग्रेज़ी अथवा रोमन लिपि में
टाइपिंग का ज्ञान होने पर भी हिंदी देवनागरी में टाइप करने के लिए फ़ोनेटिक टूल्स
का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए भी बहुत से विकल्प हैं। माइक्रोसॉफ्ट का
टूल डाउनलोड कर सकते हैं( इसके लिए आपके कंप्यूटर में नेट फ्रेमवर्क
अर्थात डॉटनेट फिक्स 2.0 से 3.5 इंस्टॉल
होना ज़रूरी है)।
गूगल टूल डाउनलोड कर सकते हैं
श्रुतलेखन (स्पीच टू टेक्स्ट टूल)-
इस विधि में प्रयोक्ता (यूज़र)
माइक्रोफोन में बोलता है और कंप्यूटर में मौजूद speech-to-text प्रोग्राम उसे प्रोसेस कर टेक्स्ट में
बदल कर लिखता है। इस प्रकार कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर को श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर
कहते हैं यह टूल राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
मंत्र राजभाषा-
मंत्र राजभाषा एक मशीन साधित अनुवाद
सिस्टम है, जो राजभाषा के प्रशासनिक, वित्तीय, कृषि, लघु उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य रक्षा, शिक्षा एवं बैंकिंग क्षेत्रों के दस्तावेजों
का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करता है। यह टूल भी राजभाषा विभाग की वेबसाइट
पर उपलब्ध है।
ई महाशब्दकोश-
महाशब्दकोश एक द्विभाषी/द्विआयामी
उच्चारण शब्दकोश है। कि महाशब्दकोष की विशेषताएं इस प्रकार हैं-
1. देवनागरी लिपि यूनिकोड फोंट में है।
2.हिंदी अंग्रेजी शब्दों का सही
उच्चारण है।
3.स्पष्ट प्रारूप आसान व त्वरित शब्द
खोज का तरीका है।
4.अक्षर क्रम में शब्द सूची, सीधा शब्द खोज है।
5.अंग्रेजी/हिंदी अक्षरों द्वारा शब्द
खोज की जा सकती है।
6.स्पीच इंटरफ़ेस के साथ हिंदी शब्द का
उच्चारण है।
यह टूल राजभाषा की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
प्रयोग के लिए आप राजभाषा की वेबसाइट खोल सकते हैं और इन टूल्स के प्रयोग से राज्य
भाषा को समझने व इस में कार्य करने में आपको कितनी आसानी होगी, इसे जान सकते हैं।
सूचना क्रांति के इस दौर में चारों ओर
तेजी से परिवर्तन हो रहा है, हर देश अपनी प्रगति की रफ्तार तेज़ और दुरुस्त
करने में लगा हुआ है। जाहिर है कि इस रफ्तार से सूचना प्रौद्योगिकी के नए युग में
सब कुछ पूर्ववत नहीं रहेगा अर्थात बदलाव अवश्य आएगा और इससे स्वतः ही
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धा के दौर का सूत्रपात हो जाएगा, अब यदि प्रतिस्पर्धा की दौड़ में
शामिल होना है और इससे डटकर मुकाबला करना है, तो निःसंकोच आगे बढ़ना होगा।
प्रौद्योगिकी के विकास में हिंदी की
अहम भूमिका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। हमारे देश में संदर्भ हमारे देश के
संदर्भ में स्वाभाविक है कि यहां की संपर्क भाषा, जन भाषा हिंदी की महत्ता से.... उसकी
उपयोगिता से... उसकी संपर्क सूत्र की बहुलता से इनकार नहीं किया जा सकता। सूचना
प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रचार और प्रसार एवं जनाधार को बढ़ाने में हिंदी भाषा की
भूमिका एक पुल के समान है जो समाज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के दो हिस्सों को
जोड़ने का कार्य करती है।
जय हिंद!
जय हिंदी!
मीता गुप्ता
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