Thursday, 20 May 2021

धन्यवाद माँ प्रकृति

धन्यवाद माँ प्रकृति तूने हर पल संग निभाया...... 
इस कठिन घड़ी मे माँ बनकर कर्तव्य निभाया..... 
सांसें जब भी घुटती थी तूने हवा निर्मल चलाई... 
मै निर्बल ना हो जाऊं हर पल मुझे  आशा दिलाई.... 
धन्यवाद माँ प्रकृति तूने हर पल संग निभाया..... 
याद मुझे आज भी है जब नन्हा पौधा रोंपा था.... 
छोटी छोटी डाली में तुम्हें मुस्काते देखा था.... 
कली जब आई थी पहली मैं भी खुश होकर झूमी थी.... 
प्यार से तूने मेरी आंखें चूमीं थीं.....
 उस अपनेपन का फ़र्ज़ तूने सदा निभाया.... 
धन्यवाद माँ प्रकृति तूने हर पल संग निभाया..... 
उदास जब कभी होती थी घंटों तुझसे बतियाती थी.... 
अपने हर दर्द का तुझसे हाल बताती थी.... 
गले लगाकर तुझको माँ कभी कभी जब रोती थी... 
मुझको बाहों मे समेट कर मेरे दर्द तू हर लेती थी.... 
तूने माँ एक दोस्त सा हर पल मुझमें विश्वास जगाया  ... 
धन्यवाद माँ प्रकृति तूने हर पल संग निभाया.... 
आज जब ऑक्सीजन के लिए दुनिया तरस रही है.... 
कोरोना के मार से दर दर भटक रही है... 
तेरी अहमियत को शायद अब मानव समझ रहा है.... 
कि तूने कैसे मानव के प्रति हर फ़र्ज़ निभाया..... 
धन्यवाद माँ प्रकृति तूने हर पल संग निभाया.....

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